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बिहार
रक्सौल में गौतम बुद्ध की 2566वी त्रिविध पावनी वैशाखी पूर्णिमा समारोहपूर्वक मनाई गई
By Deshwani | Publish Date: 16/5/2022 10:46:23 PM
रक्सौल में गौतम बुद्ध की 2566वी त्रिविध पावनी वैशाखी पूर्णिमा समारोहपूर्वक मनाई गई

रक्सौल। अनिल कुमार। अम्बेडकर ज्ञान मंच(केन्द्रीय कमिटी),रक्सौल के तत्वावधान में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर सोमवार को शील-प्रज्ञा,करुणा-मैत्री,सत्य-अहिंसा के प्रवर्तक तथागत गौतम बुद्ध की 2566वी त्रिविध पावनी बैशाखी पूर्णिमा समारोहपूर्वक मनाई गई।इस मौके पर विश्वगुरु तथागत गौतम बुद्ध के तैलीय चित्र के समक्ष सामूहिक रूप से दीप-प्रज्ज्वलित व पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।कार्यक्रम में त्रिरत्न व त्रिशरण के साथ ही उनके अष्टांगिक मार्ग व दस शील की चर्चा भी किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रखण्ड सांख्यिकी पदाधिकारी मिथलेश कुमार मेहता ने  तथागत गौतम बुद्ध के जीवनी व उनके आदर्शो को आत्मसात करके ही हम दुनियाँ में शांति-अहिंसा व मानवता की रक्षा संभव है।हमें पाखण्ड व अंधविश्वास रहित समाज की स्थापना के लिए बुद्ध के करुणामयी  विचारों के प्रति संकल्पित होने की जरूरत है।







वही,मंच के संस्थापक मुनेश राम ने उन्हें विश्वगुरु के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि गौतम बुद्ध ने दुनियाँ को ज्ञान,विज्ञान व तर्क से रूबरू कराया तथा कहा कि मनुष्य को अगर दुख है तो इसका कारण है और जब तक हम कारण के बारे में अन्वेषण नही करेंगे,तब तक उसका निदान संभव नही है।अतः दुनियाँ को युद्ध की बजाय आधुनिक युग में बुद्ध की जरूरत है।मानवतावादी व वैज्ञानिक सोंच के प्रतिपादक बुद्ध ने हमें स्वयं प्रकाशित(अप्पो दीपो भव) होने का अंतिम वाक्य दिया था,जिससे मानव अपने दुखों का संपूर्ण निदान स्वयं कर सकता है।





पूर्व अध्यक्ष मथुरा राम ने बुद्ध के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुद्ध ने दुर्दांत डाकू अंगुलिमाल को मारा नही,उन्होंने अपने करुणामयी वार्ता से सुधार दिया,क्योंकि हिंसा से हिंसा का अंत संभव नही है,इसके लिए अहिंसा की जरूरत होती है,जो ज्ञान व विज्ञान आधारित हो।ताराचंद राम ने कहा कि हमें भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी(नेपाल) व ज्ञान स्थली बोधगया तथा दुनियाँ के सबसे बड़े बौद्ध स्तूप केसरिया को जोड़ने के लिए रक्सौल को बुद्ध सर्किट से जोड़ने की जरूरत है।इसके लिए अम्बेडकर ज्ञान मंच कॄत संकल्पित है।हमें रक्सौल जैसे शहर को अंतराष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने के लिए आमजनों के आवाज बनाने की जरूरत है।अध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने भी रक्सौल में बौद्ध हेरिटेज की स्थापना करने के लिए सामाजिक एकजुटता की जरूरत है।कार्यक्रम के धन्यवाद ज्ञापन रविन्द्र कुमार ने किया,उसके बाद खीर भोज का आयोजन किया गया।मौके पर चन्दकिशोर पाल,शिवजी राम(अधिवक्ता),प्रकाश पासवान,विजय कुमार,ताराचंद कुमार,रूपेश कुमार,अच्छेलाल पासवान,बृजकिशोर पासवान,लक्ष्मण राम आदि शामिल हुए।
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