रक्सौल। अनिल कुमार। श्री सत्यनारायण मारवाड़ी पंचायती मंदिर में रविवार को गणगौर का सिंधारा का आयोजन सत्यनारायण मारवाड़ी पंचायती मंदिर ट्रस्ट और अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला द्वारा आयोजित किया गया। गणगौर मारवाड़ी समाज का बहुत ही सुंदर पर्व है। गणगौर राजस्थान का एक महान लोक पर्व है, जो चैत्र मास में मनाया जाता है। गणगौर शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है गण अर्थात भगवान शिव तथा गौर अर्थात माता पार्वती। इस पूजा में 16 अंक का विशेष महत्व माना जाता है। सबसे पहले यह पर्व 16 दिन मनाया जाता है।
गणगौर की पूजा में गीत गाते हुए महिलाएं काजल रोली एवं मेहंदी की 16-16 बिंदी लगाती है। गणगौर में चढ़ाने वाले फल 16 एवम् 16 ही सुहाग के सामान की संख्या भी रहती है। महिलाएं भी इस दिन सोलह सिंगार में नजर आती हैं। सुहागन स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए गणगौर पूजती हैं। इसमें ईशरजी और गौरामाता की मिट्टी की मूर्तियां स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है।
चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन सुबह मुख्य पूजा कर संध्या समय मूर्तियों को सरोवर या नदी में विसर्जित किया जाता है। इस उपलक्ष्य में तरह-तरह की स्टॉल लगाई गई और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें खेल का भी आयोजन हुआ, जिसमें विजेता को पुरस्कृत किया गया। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्षा वीणा गोयल, सचिव सोनू काबरा, कोषाध्यक्ष संगीता धनोठिया, अनुजा अग्रवाल, सारिका अग्रवाल, शशि अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, संगीता रुंगटा, बबीता रुंगटा, रेनू रुंगटा, रचना रुंगटा, ज्योति शर्मा, सुनीता शाह, खुशबू भारतीया, अनुराधा शर्मा, शिखा रंजन, नीलम अग्रवाल व बबली अग्रवाल आदि उपस्थित थीं। सत्यनारायण मंदिर पंचायती ट्रस्ट के कैलाश काबरा, गणेश अग्रवाल, पुरुषोत्तम अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल व सीताराम गोयल आदि उपस्थित थे। वहीं स्टॉल को प्रगति सेकसरिया, आभा केशान, सुमन अग्रवाल, दिवांशी रूंगटा व रचना रूंगटा द्वारा लगाई गई, जिसकी काफी सराहना की गई।
वहीं इस दौरान महिलाओं द्वारा मिट्टी बचाने का संदेश हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन करते हुए किया गया।