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रक्सौल: अवैध रूप से काठमांडू से बोधगया ले जाए जा रहे 23 बच्चों को किया गया रेस्क्यू
By Deshwani | Publish Date: 10/12/2021 9:22:37 PM
रक्सौल: अवैध रूप से काठमांडू से बोधगया ले जाए जा रहे 23 बच्चों को किया गया रेस्क्यू

रक्सौल। अनिल कुमार। शुक्रवार लगभग दोपहर 02 बजे के आसपास रक्सौल के फ्रिक्सिंग पोस्ट के पास से दो व्यक्तियों को 23 बच्चों के साथ रोका व नेपाल पुलिस को मैत्यी नेपाल के सरंक्षण में सौंपा गया। श्री प्रियव्रत शर्मा एसएसबी 47 बटालियन के कमांडेंट के विशेष निर्देशान में एएचटीयू टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा जब क्षेत्र में कर्तव्य परायणता में थे तब देखा कि आज इम्मीग्रेशन चेक पॉइंट से लगभग 100 मीटर आगे भारत की ओर दो व्यक्तियों के साथ लगभग 4 साल से 7 साल की उम्र के 23 बच्चें देखे।उन्हें मानव तस्करी रोधी इकाई ने दोनों व्यक्तियों को रोका और पुछा कि कहाँ से आ रहे हो व् कहाँ को जा रहे हो। पहले उन्होंने बताने से मना कर दिया फिर  उन्हें अपने बारे में जानकारी दी की हम मानव तस्करी रोधी इकाई एस.एस.बी. हैं, उसके बाद वो बताने के लिए तैयार हुए तदुपरांत साथ ही साथ मैत्यी नेपाल (एन.जी.ओ.) को भी बुलवा लिया गया। 






मैत्याई नेपाल के साथ सयुंक्त पूछताछ में यह जानकारी प्राप्त हुई कि,
यह दो व्यक्ति 23 बच्चों को बोधगया, बिहार में मोनेस्ट्री में शिक्षा के नाम पर ले जा रहें हैं, जब इनसे शिक्षा से संबंधित पत्र की मांग की गयी तो इनके पास काठमांडू की गैर-सरकारी मोनेस्ट्री के दो पत्र थे, जिनकी नेपाल सरकार में कहीं रजिस्ट्रेशन होने की जानकारी इनसे प्राप्त नहीं हुई।फिर बोधगया, बिहार में मोनेस्ट्री के रजिस्ट्रेशन नम्बर भी नहीं बता पाए ना दिखा पाए।मोनेस्ट्री के किसी उपयुक्त अधिकारी से बात नहीं करवा पाए।सब बच्चें बहुत छोटी छोटी उम्र के थे लगभग 4 साल से 7 साल तक के, बच्चों के रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के बहुत सी त्रुटियों को पाया गया जैसे उनके पते, रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर अभिवावकों के हस्ताक्षर एक ही व्यक्ति द्वारा किये गए प्रतीत हो रहें हैं, कुछ फॉर्म पर अभिवावक के द्वारा अनुमति स्थान पर कोई हस्ताक्षर नहीं थे. पत्र में बच्चों की संख्या में भी त्रुटी है।
दोनों व्यक्तियों ने स्वीकार किया कि अधिक छोटे बच्चों को शिक्षा के नाम पर मोनेस्ट्री बोधगया बिहार में ले जाया जा रहा था, इसकी किसी भी प्रकार कोई सूचना/जानकारी नेपाल दूतावास, नेपाल श्रम-मंत्रालय, नेपाल सरकार, बिहार सरकार व् भारत सरकार के संज्ञान में नहीं दिया गया है।




सभी बच्चें अत्यंत गरीब परिवारों से पहाड़ी क्षेत्र से हैं व् सभी बच्चे गुरुंग व् तमांग (गोरखा) हैं.
बच्चों को सेम्बू काठमांडू में नेपाल के अलग अलग प्रदेशों के लगभग 14 जिलों से एकत्र किया गया था, काठमांडू से बस द्वारा बीरगंज लाया गया तत्पश्चात रक्सौल होते हुए बोधगया बस द्वारा ही ले जाने का प्लान था।






कमांडेंट प्रियव्रत शर्मा  ने कहा कि बच्चें बहुत छोटे हैं उनके अभिभावक भी साथ नहीं हैं, साथ ही जो व्यक्ति इनको ले जा रहें हैं वो कोई उचित डाक्यूमेंट्स नहीं प्रस्तुत कर पा रहे हैं और जिस संस्थान की बात कर रहें हैं वहाँ भी किसी अधिकारी से बात नहीं करवा पा रहें थे। अत: मानवीय दृष्टिकोण व् मानव तस्करी के संदेह में इन्हें रोका गया जिससे बच्चे किसी प्रकार के जोखिम में ना फंस जाएँ।इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण हैं बिना वैध डाक्यूमेंट्स के तथा दोनों देशों की सरकारों के संज्ञान के बिना इतने छोटे बच्चों को ले जाना अपराध में ही माना जाएगा।शर्मा जी ने कहा कुछ बच्चों के अभिभावकों के तो अनुमति हस्ताक्षर ही नहीं थे जहां से मामला और गंभीर प्रतीत होता है।बच्चों की सम्पूर्ण इन्वेस्टीगेशन के लिए नेपाल पुलिस के विशेष विभाग को सौंप दिया गया है।इस बचाव कार्य में  स्वच्छ रक्सौल के अध्यक्ष व् सामजिक कार्यकर्त्ता श्री रंजित सिंह का भी विशेष सहयोग रहा उन्होंने बच्चों को भोजन जल पान की व्यवस्था के साथ बोधगया से जानकारी प्राप्त करवाने में सहयोग किया।इस बचाव कार्य में इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा के साथ उनकी टीम में सहयोगी रहे सहायक सब इंस्पेक्टर परिशवर मुशाहारी, हेडकांस्टेबल कुलदीप कुमार, महिला कांस्टेबल शिल्पी कुमारी व् कांस्टेबल योगेश कुमार मौजूद थे।
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