ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेतृत्व की वर्तमान परिवेश में बढ़ी आवश्यकता: गरिमादेवी
By Deshwani | Publish Date: 1/11/2021 8:30:13 PM
सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेतृत्व की वर्तमान परिवेश में बढ़ी आवश्यकता: गरिमादेवी

--विविधता में एकता के लिए बहुचर्चित भारतवर्ष में बढ़ी चुनौती


--सरदार पटेल के व्यक्तित्व को आत्मसात करने की आवश्यकता

बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया में रविवार की शाम सरदार वल्लभ भाई पटेल जन्मोत्सव राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में मनाया गया। 'विश्व कुर्मी विकास परिषद' की बेतिया शाखा के तत्वावधान में बानुछापर स्थित संत कबीर रोड के एक निजी सभागार में सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती समारोह का आयोजन किया गया। उपर्युक्त समारोह का उद्घाटन बेतिया नगर (परिषद) निगम की पूर्व सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतवर्ष की एकता व अखंडता के प्रतिकूल अनेक शक्तियां राष्ट्रीय एकता, सामाजिक भाईचारा के लिये बड़ी चुनौती बन गयीं हैं। जिसके कारण देश में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाले व्यक्तितत्व और नेतृत्व की कमी खटक रही है।




क्योंकि स्वतंत्रता पश्चात कठिन परिवेश मे दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल के बूते सरदार पटेल ने अलग राग अलाप रहीं देश की तत्कालीन 565 देशी रियासतों का संघीयता में विलय कराया। इसी दृढ़ता के कारण भारत के प्रथम गृह मंत्री और प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष की संज्ञा दी गई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेतृत्व क्षमता व साहसिक कार्यों की वजह से उन्हें सरदार जैसे विशेषण से अलंकृत किया गया। श्रीमती सिकारिया ने कहा कि राजनेताओं को सरदार वल्लभभाई पटेल के कृतित्व व्यक्तित्व का अनुसरण करना चाहिए। समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. परमेश्वर भक्त ने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रीय कॉग्रेस के प्रतिनिधि की वोटिंग में सरदार पटेल को ही प्रधानमंत्री पद के उपयुक्त चुना गया, अलबत्ता कतिपय राजनीतिक कारणों से ऐसा नहीं हो सका। 




इसलिए देश के पहले उप प्रधानमंत्री के रुप में हमारे लौहपुरुष को शपथ लेनी पड़ी। सभी विकट परिस्थितियों के दृष्टिगत उन्होंने देश के नवनिर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया। विश्व कुर्मी विकास परिषद के जिलाध्यक्ष  विनय कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में विजय कश्यप ने अपने विचार व्यक्त करते हुए भारत रत्न स्वर्गीय पटेल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS