बेतिया। संयुक्त किसान मोर्चा पश्चिम चंपारण द्वारा लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों के सम्मान में बेतिया शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा की गई । सभा की अध्यक्षता प्रो शमशुल हक ने की । सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव , लोक संघर्ष समिति के भाई पंकज , नंदलाल प्रसाद , बिहार राज्य किसान सभा के जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव, किसान सभा के जिला नेता बबलू दुबे , राजद किसान के प्रभु यादव , कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के शाही कुमार राय , राष्ट्रीय किसान मोर्चा विजय कश्यप , खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला मंत्री प्रभुनाथ गुप्ता , रामेश्वर प्रसाद , जनवादी लेखक संघ के अनिल अनल , सीटू के जिला मंत्री शंकर कुमार राव , बी के नरुला , युवा राजद के जिला अध्यक्ष मुकेश यादव ,शकुंतला देवी , बैजनाथ यादव , सुनील यादव , नौजवान सभा के जिला मंत्री म. हनीफ , नौजवान संघ के अंजारुल , अवध बिहारी प्रसाद , नीरज बरनवाल , किसान संघ के सचिव लालबाबू यादव ने कहा कि आज केंद्र के मोदी सरकार लगातार किसानों को मौत के घाट उतारने में लगी हुई है।
अबतक साढ़े 600 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं । लेकिन केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर इसका कोई भी असर नहीं है । उल्टे देश की सारी संपत्ति को बेचने के बाद अब किसानों के हाथ से जमीन छीन कर अंबानी और अडानी के हाथों दे देना चाहते हैं । इसके लिए उन्होंने लोकसभा में कानून भी बनाया है।
लेकिन किसान अपनी जमीन को नहीं देना चाहते हैं और किसानों का कहना है कि जबतक किसान विरोधी तीन काला कानून वापस नहीं हो जाता और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं दे दिया जाता , जब तक पश्चिम चंपारण में गन्ना का मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल नहीं मिलता । पश्चिम चंपारण में बड़े पैमाने पर नुकसान हुए फसलों का हर्जाना सभी किसानों को नहीं दिया जाता और पश्चिम चंपारण को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं किया जाता तब तक आंदोलन चलता रहेगा।
श्रद्धांजलि सभा के बाद शहीद स्मारक पर शहीद किसानों की याद में 5 मोमबत्तियां जलाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई । इस मौके पर गर्म जोशी नारों से आकाश गूंज उठा ...शहीदों तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे । किसान विरोधी तीनों काले कानून को वापस लो । एमएसपी को कानूनी दर्जा देना होगा । गन्ना किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल देना होगा । आदि नारों के साथ श्रद्धांजलि सभा समाप्त की गई।