मोतिहारी के मधुबन में दो मासूम बच्चों के साथ महिला की हत्या, मृतकों में मां , बेटा व बेटी शामिल, गांव में मातमी सन्नाटा
मोतिहारी। पूर्वी चम्पारण के मधुबन थाना क्षेत्र के बहुआरा भान गांव में शनिवार की सुबह ससुराल वालों ने बहू और उसके दो बच्चों की गला दबा हत्या कर दी। बताया गया है कि तीनों शवों को गायब करने जा रहे आरोपित हत्याारा शव छोड़कर भाग गया। तीनों शवों को बोरे में रखकर उसे छुपाने जा रहा था। इस एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या की खबर से पूरा गांव स्तब्ध है। मातमी सन्नाटा छाया है।
पुलिस ने तीनों धर्मशीला देवी (35), काजल (6) हिमाशु (4) के शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल भेजा है। घटना की सूचना पर पकड़ीदयाल डीएसपी सुनील कुमार सिंह, मधुबन इंस्पेक्टर मुकेश चंद्र कमर व थानाध्यक्ष राजेश कुमार मौके पर पहुंच चुके हैं।
घटना के संबंध में मृतका के भाई मधुबन थाना क्षेत्र के भगवानपुर निवासी नागेंद्र कुमार ने पुलिस को बताया कि वे प्रतिदिन अपनी बहन व भांजे से बातचीत करते थे। शुक्रवार की देर शाम से आज सुबह तक जब उनलोगों के बीच बात नहीं हुई तो उन्हें शंका हुई। अनहोनी की आशंका पर वे यहां पहुंचे थे। तब उन्होंने देखा कि उनकी बहन के ससुर सुरेंद्र भगत और भैंसूर जितेंद्र कुमार बोरा में शव रखकर जलाने के लिए जा रहे हैं। तब उन्होंने शोरगुल किया। इसके बाद वे दोनों शव को फेंक कर फरार हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार मृतका धर्मशीला देवी का पति धर्मेंद्र भगत उत्तरप्रदेश के देवरिया में कबाड़ का काम करते है। पुलिस ने घटना की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। एक साथ तीन लोगों की हत्या से पूरा गांव स्तब्ध है। परिजनों में चीख-पुकार मची हैं।
सूचना पर एसपी नवीन चंद्र झा, डीएसपी सुनील कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक मुकेश चंद्र कुंअर सहित मधुबन थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और लोगों से पूछताछ की।
मृतका के भाई नागेन्द्र प्रसाद ने पुलिस को बताया है कि वे सुबह में करीब 8.30 बजे अपनी बहन की ससुराल बहुआरा भान गांव पहुंचे। उनकी बहन धर्मशीला देवी ने शुक्रवार की शाम मोबाइल पर बात कर भांजे की चांदी के हनुमानी में धागा लगवाने के लिए बुलाया था। दुबारा फोन करने पर फोन नहीं उठा तो आंशका हुई। जिससे वे शीध्र उसके घर पहुंचे। उस समय उनकी बहन के ससुर सुरेन्द्र भगत व भैंसुर जितेन्द्र प्रसाद अलग-अलग दो बोरे को कांधे पर रखकर घर से बाहर निकल रहे थे। जितेन्द्र प्रसाद की पत्नी कंचन देवी व दो अन्य व्यक्ति भी साथ थे। इन्हें देखते ही तीनों बोरे को छोड़कर भाग निकले। दोनों बोरों में उनकी बहन व भाजे-भांजी की लाशें थी।