एक-एक बच्चा है कीमती एवं बहुमूल्य, संजीदगी से कार्य कर दिलाएं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: जिलाधिकारी
◆प्रवेशोत्सव अभियान चलाकर प्रथम वर्ग से आठवीं-नवमी तक के अनामांकित बच्चों का कराएं नामांकन
◆सर्वे कर ड्राॅप आउट हुए बच्चों को पहुंचायें स्कूल
◆आंगनबाड़ी केन्द्र, प्राइमरी स्कूल, मीडिया स्कूल, हाईस्कूल स्तर पर मैपिंग कराने का निदेश
◆प्रत्येक बच्चा स्कूल पहुंचे इस हेतु व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने का निदेश
◆ग्रेड लेवल नाॅलेज, वेलकमिंग इनवाॅरमेंट को समृद्ध एवं सशक्त बनाने तथा नियमित रूप से उन्नयन क्लासेज चलाने का निदेश
बेतिया। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि एक-एक बच्चा कीमती एवं बहुमूल्य है। पूरी संजीदगी के साथ कार्य करते हुए प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करायें। जिस प्रकार अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का विशेष ध्यान रखते हैं, उसी प्रकार सभी बच्चों के पठन-पाठन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रवेशोत्सव अभियान चलाकर प्रथम वर्ग से आठवीं-नवमी तक के अनामांकित बच्चों का नामांकन कराना सुनिश्चित किया जाय। कक्षा 01 से 09 तक के वैसे बच्चे जो किन्ही कारणों से ड्राॅप आउट हो गये हैं, अभियान चलाकर सभी बच्चों को विद्यालय तक पहुंचायें। साथ ही लाॅकडाउन के दौरान जिले में बहुत सारे बच्चे अभिभावक के साथ वापस लौटे हैं तथा अभी इसी जिले में हैं, सभी को चिन्हित करते हुए उनका नामांकन विद्यालय में कराना सुनिश्चित किया जाय।
उन्होंने कहा कि ड्राॅप आउट हुए बच्चों को हर हाल में स्कूल पहुंचाना है। इस हेतु विशेष अभियान चलाकर सर्वे कार्य, जागरूकता कार्यक्रम आदि का क्रियान्वयन कर शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूल पहुंचाया जाय। इस कार्य में डीपीओ, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, डीपीएम, जीविका समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे। सर्वे कार्य में सम्मिलित होने वाले वार्ड सदस्यों, गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षा स्वयंसेवकों, तालीमी मरकज, पोषक क्षेत्र के शिक्षकों को तत्परतापूर्वक कार्य करने को कहा जाय। बच्चों का स्कूल में नामांकन कराने हेतु स्कूल लेवल पर अभिभावकों के साथ बैठक सहित विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक भी करायी जाय।
उन्होंने निदेश दिया कि आंनगबाड़ी केन्द्र, प्राइमरी स्कूल, मीडिल स्कूल, हाईस्कूल स्तर पर पोषक क्षेत्रों/बच्चों की प्राॅपर मैपिंग करायी जाय। साथ ही प्रत्येक विद्यालय को कम से कम 30-35 बच्चों का दाखिला स्कूल में अनिवार्य रूप से कराना है। वहीं जिलास्तर पर कंट्रोल रूम का अधिष्ठापन कराने तथा चाइल्ड ट्रैकिंग रजिस्टर अद्यतन रखने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।
छह साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का प्राइमरी स्कूल में एडमिशन कराने हेतु आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका स्वयं लेकर जायेंगी। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रधानाध्यापक बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन कराना सुनिश्चित करेंगे। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता बरतने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त अनुशासनिक कार्रवाई निश्चित है।
जिलाधिकारी ने कहा कि थरूहट एवं दोन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे क्षेत्रों में गहन सर्वेक्षण करायी जाय। अगर इन क्षेत्रों में ऐसे बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जा रहे हैं, सभी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि ग्रेड लेवल नाॅलेज एवं वेलकमिंग इनवाॅरमेंट को समृद्ध एवं सशक्त बनाने की आवश्यकता है। आनंदायी कक्ष से ज्यादा से ज्यादा बच्चे लाभान्वित हो, इस हेतु प्रयास करें। साथ ही विद्यालय को सुदंर एवं स्वच्छ बनाने की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जाय।
उन्होंने कहा कि उन्नयन क्लासेज अनवरत रूप से चलना चाहिए। उन्नयन क्लासेज से बच्चों को अत्यधिक लाभ पहुंचता है। प्रत्येक स्कूल में उन्नयन मंच भी बनाये ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में अगर शिक्षक उपलब्ध नहीं हो तो भी क्लास का संचालन प्रभावित नहीं हो सके।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, डीपीओ, आइसीडीएस निरूपा कुमारी, डीपीओ, माध्यमिक शिक्षा एवं साक्षरता, राजन कुमार, डीपीओ, समग्र शिक्षा, राघवेन्द्र मणि त्रिपाठी सहित सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित रहे।