बिहार
पश्चिम चंपारण: राहुल गाँधी ने चम्पारण व बिहार की जनता से नोटबन्दी व लॉक डाउन का मंजर याद दिलाया
By Deshwani | Publish Date: 28/10/2020 9:56:09 PMबेतिया। पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के दौनाहा राजकीय मध्य विद्यालय के प्रांगण में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहां कि "शहर का सहारा गांव, गांव का सहारा किसान और किसानों का सहारा खेत होता है। ऐसे में भारत की वर्तमान सरकार ने तीन कानून बनाया है जो किसानों के हित में नहीं है, इस कानून से किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल सकता। जिसके विरोध में रावण का पुतला जलाने की जगह मोदी, अम्बानी और अडानी का पुतला किसानों ने जलाया। विश्व शक्ति इंग्लैंड से महात्मा गांधी ने लोहा लेने के लिए चंपारण को चुना, क्योंकि बिहार में चंपारण की धरती परिवर्तनकारी शक्ति है, सर्वप्रथम इस धरती को नमन किया। राहुल गाँधी ने कहा कि देश की जनता विशेषकर चंपारण की जनता लॉकडाउन और नोटबंदी याद करें।
इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सर्वाधिक पीड़ित हुए, क्या आपने कभी अंबानी को नोट बदलते देखा, ऐसे में सर्वाधिक परेशानी छोटे दुकानदार, व्यवसाई, मजदूर और किसानों को हुई। उनकी बर्बादी की बुनियाद पर आज देश के चंद उद्योगपतियों के अरबों रुपये की कर्ज़ माफ़ कर दी गयी। किसान और छोटे व्यवसाइयों की कर्ज़माफी पर लंबी बहस होती है। किसान और युवा परेशान हैं उद्योगपतियों के हित में केंद्र सरकार ने नीतियां बनाई और उनके कर्ज माफ किए। बिहार में चीनी मिलें नीतीश और मोदी की सरकार ने 15 वर्षों में नहीं चलाया। अजीब विडंबना है, अफसोस है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्योगपति मुकेश अंबानी और अडानी का पुतला विजयादशमी को जलाया गया, ऐसा नहीं होना चाहिए। मजदूरों का पलायन बिहार की सरकार नहीं रोक सकी जबकि इस मुद्दे को लेकर सत्ता में काबिज हुई। आज पूरे बिहार में परिवर्तन की लहर है। महागठबंधन के प्रत्याशी को वोट करने की अपील राहुल गाँधी ने किया। छोटे से मैदान में काफी भीड़ देखी गयी, अलबत्ता आमसभा के उपरांत प्रत्याशी विशेष द्वारा भाड़ा पर भीड़ जुटाने वालो को लाभान्वित किया गया। जिसकी चर्चा सरेआम होती रही।