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गंडक नहर के किनारे हाट सरैया में नगर परिषद स्थापित करेगा 2.50 करोड़ की लागत वाला 'शवदाहगृह संयंत्र' : गरिमादेवी सिकारिया
By Deshwani | Publish Date: 24/9/2020 9:41:23 PM
गंडक नहर के किनारे हाट सरैया में नगर परिषद स्थापित करेगा 2.50 करोड़ की लागत वाला 'शवदाहगृह संयंत्र' : गरिमादेवी सिकारिया

बेतिया। अवधेश कुमार शर्मा। बिहार के मुख्यमंत्री की घोषणा पर संज्ञान लेते हुए, नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर बेतिया नगर परिषद ने ₹ 2.50 करोड़ से अधिक के लागत वाले 'शवदाहगृह संयंत्र' स्थापित करने का प्रस्ताव सर्व सम्मति पारित कर दी जाएगी। जिला पदाधिकारी बेतिया के निदेश पर बैरिया अंचलाधिकारी ने हाट सरैया राजस्व ग्राम में गंडक नहर के किनारे 31 डिसमिल का प्रस्ताव शवदाहगृह के लिए दिया है।उपर्युक्त आशय की जानकारी देते हुए बेतिया नगर परिषद की सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने दी।उन्होंने कहा कि शीघ्र एसडीएम के नेतृत्व में प्रस्तावित भूमि का स्थल निरीक्षण करेंगे। श्रीमती सिकारिया ने बताया कि हाईकोर्ट के सम्बन्धित आदेश के आलोक में सरकार, नगर विकास एवं आवास विभाग ने निर्णय लिया। बेतिया की सभापति ने विद्युत शवदाह गृह निर्माण को उच्च प्राथमिकता देकर पूरा कराने का अनुरोध जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार से किया है। इसी क्रम में जारी निर्देश के आधार पर जिला मुख्यालय या समीपवर्ती क्षेत्र में ऐसा एक संयंत्र अनिर्वाय रूप से स्थापित किया जाना है। जिसके लिये अंतिम स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है।  





सभापति ने बताया कि हाट सरैया मौजा के खाता नम्बर-59 के परती कदीम वाले खेसरा-271 से सम्बंधित 31 डिसमिल अंश भाग को चिन्हित कर आवंटन के लिये प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रस्तावित शवदाह संयंत्र पूरे बिहार के लिये अनूठा होगा। जिसमे तीन प्रकार से शवदाह की सुविधा होगी। इसको और स्पष्ट करते हुये सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि विधुत शवदाह गृह के अतिरिक्त मैनुअल या परम्परागत व्यवस्था से अंतिम संस्कार की सुविधा भी लोगों को मिलेगी। उन्होंने बताया कि इन दोनों के अतिरिक्त हमारा अधिक फोकस अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण प्रदूषण रहित व लकड़ी आधारित शवदाह संयंत्र स्थापित करने पर होगा। जिसमें ट्रॉली व ट्रे सिस्टम के साथ फायर ब्रिक्स लगाकर एक विशेष प्रकार की भट्ठी तैयार करायी जाएगी।




 जिसके चिमनी के माध्यम से धुआं रहित व प्रदूषण मुक्त अंतिम संस्कार की सुविधा मिलेगी। सभापति ने बताया कि इस विशेष शवदाह संयंत्र की विशेषता यह होगी कि परम्परागत अग्नि संस्कार में औसतन 3 से चार क्विंटल लकड़ी की जरूरत बदले महज 65 से 70 किलो लकड़ी की आवश्यकता रहेगी। हिन्दू रीति रिवाज से होने वाली दाह संस्कार की इस प्रक्रिया के बाद करीब आधे समय में ही मृतक का पूरा राख इसकी भट्ठी या हौज के नीचे लगे ट्रे में जमा हो जायेगी। जिसको सम्बन्धित परिजन अपनी इच्छा अनुसार प्राप्त भी कर सकेंगे।
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