बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने लिया रिटायरमेंट, लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
पटना। बतौर बिहार डीजीपी अपने तेवर दिखाने वाले गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस ले लिया है। उनका कार्यकाल अगले साल फरवरी तक था, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने स्वैच्छिक रियाटरमेंट की घोषणा कर दी है। उनकी जगह एसके सिंघल को बिहार डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। 1988 बैच के एसके सिंघल फिलहाल होमगार्ड के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। मंगलवार को राज्यपाल ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली। कयास लगाए जा रहे हैं कि वो सियासी बिसात पर शह-मात की चाल चलने वाले हैं।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से सुर्खियों में रहे बिहार के पुलिस प्रमुख गुप्तेश्वर पांडे का अब नया अंदाज दिख सकता है। प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार ने इसे मंजूर भी कर लिया है। गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यकाल पूरा होने से पहले रिटायरमेंट (वीआरएस) लेने को लेकर अटकलें काफी समय से लगाई जा रही थीं। अब उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया, जिसे राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया है।
अपने वीआरएस के फैसले के बाद गुप्तेश्वर पांडे ने ट्वीट कर कल ऐलान किया कि वे 23 सितंबर को यानि आज शाम 6 बजे अपने सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपनी कहानी बताएंगे। गुप्तेश्वर पांडे की पहचान उग्र तेवर और बेबाकी के लिए होती रही है। हाल के दिनों में सुशांत की मौत को लेकर वो बिहार सरकार का चेहरा बन गए।
बता दें कि गुप्तेश्वर पांडे ने 2009 में भी वीआरएस लिया था। तब उन्होंने अपने गृह जिला बक्सर से लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। बीजेपी से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन तब टिकट नहीं मिला। ऐसे में उन्होंने दोबारा पुलिस सेवा में लौटने का फैसला किया। नीतीश सरकार ने 2019 में ही उन्हें DGP के रूप में जिम्मेदारी सौंपी।
गुप्तेश्वर पांडेय के आगामी चुनाव लड़ने की चर्चा
1987 बैच के आईपीएस ऑफिसर गुप्तेश्वर पांडेय को जनवरी 2019 में बिहार का डीजीपी बनाया गया। बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक था। हालांकि, उन्होंने मंगलवार को कार्यकाल पूरा होने से पहले रिटायरमेंट का फैसला लिया। जिसे प्रदेश सरकार ने मंजूर कर लिया। उनके VRS के बाद चर्चा इस बात की भी है कि गुप्तेश्वर पांडेय विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। माना जा रहा कि वो एनडीए की ओर से उम्मीदवार हो सकते हैं।
संजीव कुमार सिंघल डीजीपी बिहार का अतिरिक्त प्रभार
आईपीएस अधिकारी के तौर पर गुप्तेश्वर पांडेय ने करीब 33 साल की सर्विस पूरी कर चुके हैं। उन्होंने बिहार के कई जिलों में एसपी के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। डीआईजी, आईजी और एडीजी के पद पर रहते हुए उन्होंने अपराध पर लगाम को लेकर कई बड़े कदम उठाए। डीजीपी का पदभार संभालने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा था कि क्राइम कंट्रोल ही उनकी प्राथमिकता रहेगी। उनके अचानक रिटायरमेंट के बाद सिविल डिफेंस एंड फायर सर्विसेज के डीजी संजीव कुमार सिंघल को अगले आदेश तक डीजीपी बिहार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
5 महीने का बचा हुआ है कार्यकाल
गुप्तेश्वर पांडे का जन्म 1961 में बक्सर जिले के गेरुआबंध गांव में हुआ था। उनका गांव बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से दूर था। इंटरमीडिएट के बाद, उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। यहां से यूपीएससी के लिए गए और 1987 में IPS अधिकारी बने, उन्हें बिहार कैडर आवंटित किया गया। डीजीपी के तौर पर अभी उनका 5 महीने का कार्यकाल बचा हुआ था।