बिहार: किशनगंज में करोड़ों की लागत से बना पुल उद्घाटन के पहले ही बहा, तेजस्वी ने उठाए सवाल
पटना। बिहार से एक बड़ी खबर आ रही है। किशनगंज जिला के दिघलबैंक प्रखंड के गोवाबाड़ी में 1.41 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल कांकई नदी की धारा में बह गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल निर्माण में धांधली बरती गई थी। इस पुल के टूटने के बाद अब पूरा इलाका टापू बन गया है। प्रभावित लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है।
बता दें कि पिछले साल जून में पुल बनाने का काम शुरू हुआ। इस साल जून तक पुल बनकर तैयार हो गया था। इसका उद्घाटन नहीं हुआ था। इसका करीब 20 मीटर का एप्रोच रोड भी नहीं बना था। इस बीच स्थानीय लोगों ने चचरी का एप्रोच पथ बना कर इससे होकर आवागमन शुरू कर दिया था।
ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक महीने में नदी में उफान को लेकर यहां स्थिति काफी गंभीर बनी हुई थी लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। पुल के करीब दो किमी दूर एक टूटी कच्ची सड़क है, जो बना दी जाती तो नदी की धार पुल तक नहीं आती और शायद यह पुल बच जाता।
विदित हो कि साल 2017 में आयी भीषण बाढ़ में किशनगंज का दिघलबैंक प्रखंड तबाह हो गया था। उस दौरान गोआबाड़ी-कुढ़ेली के बीच भी सड़कें कट गईं थीं। वहां लोगों की सुविधा के लिए इस पुल का भी निर्माण किया गया, लेकिन उद्घाटन के पहले ही उम्मीदों पर पानी फिर गया। आखिर यहां के लोग अब कैसे आएंगे जाएंगे ये बहुत बड़ा और बेहद गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले गोपालगंज में भी नए बने अप्रोच पुल के टूट जाने से राज्य में जमकर सियासत हुई थी।
तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, किशनगंज़ जिला में करोड़ो की लागत से निर्माणाधीन सुशासनी पूल उद्घाटन से पहले टूट गया। देखते है 15 वर्षों की भ्रष्टाचारी सरकार और 60 घोटालों के प्रबन्ध संरक्षक कर्ता नीतीश कुमार और सुशील मोदी इसका दोष विपक्ष या प्रकृति में से किसे देते है?'