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समसतीपुर : रेलवे क्षेत्र में 18 सितंबर को पीएम मोदी बिहार की जनता को देंगे बड़ी सौगात
By Deshwani | Publish Date: 16/9/2020 8:48:38 PM
समसतीपुर : रेलवे क्षेत्र में 18 सितंबर को पीएम मोदी बिहार की जनता को देंगे बड़ी सौगात

समस्तीपुर। उमेश काश्यप। आगामी 18 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बिहार राज्य की जनता को एक बड़ी सौगात देंगे। इस दिन माननीय प्रधानमंत्री  ऐतिहासिक कोसी महासेतु सहित यात्री सुविधा से जुड़ी 12 रेल परियोजनाओं को बिहार राज्य की जनता को सर्मिपत करेंगे। प्रारंभ होने वाली परियोजनाओं में कोसी महासेतु, किउल नदी पर नया रेलपुल, 02 नई लाइन परियोजना, 05 विद्युतीकरण परियोजना, 01 इलेक्ट्रिक लोको शेड एवं 01 तीसरी रेल लाइन परियोजना शामिल है। 





उक्त जानकारी देते हुये हाजीपुर ईसीआर के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल के अलावे मुख्यमंत्री, रेल मंत्री सहित कई केंद्रीय एवं सूबे के मंत्री शामिल होंगे। कोसी महासेतु के अलावे सहरसा-सरायगढ़-आसनपुर कुपहा रेलखंड की कुल लंबाई 64 किलोमीटर है जिसमें सहरसा से सुपौल (26 किमी) तक ट्रेनों का परिचालन जारी है । अब कोसी रेल महासेतु बन जाने के बाद सुपौल से आसनपुर कुपहा तक ट्रेन परिचालन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। 




इसी क्रम में प्रधानमंत्री हाजीपुर-घोसवर-वैशाली (450 करोड़) तथा इसलामपुर-नटेसर (409 करोड़) नई रेल लाइन परियोजना एवं करनौती-बख्तियारपुर लिंक बाईपास तथा बख्तियारपुर-बाढ़ के बीच तीसरी लाईन परियोजना (240 करोड़)  को भी राष्ट्र को सर्मिपत करेंगे । साथ ही मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी (65 करोड़), कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी (505 करोड़), समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर (390 करोड़), समस्तीपुर-खगडि़या (120 करोड़), भागलपुर-शिवनारायणपुर (75 करोड़) विद्युतीकृत रेलखंड को राष्ट्र को समर्पण एवं इसपर विद्युत इंजन से ट्रेनों के परिचालन का शुभारंभ किया जाएगा। 




उन्होंने बताया कि 1887 में ब्रिटिश काल के दौरान निर्मली और भपटियाही के बीच कोसी की सहायक तिलयुगा नदी पर लगभग 250 फुट लंबा मीटरगेज रेलपुल का निर्माण किया गया था । परंतु 1934 में आई भारी बाढ और विशकारी भूकंप में यह मीटरगेज रेलपल ध्वस्त हो गया। इसके बाद वर्ष 2003-04 में कोसी महासेतु नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई। कोसी रेल महासेतु की कुल लंबाई 1.9 किलोमीटर है जिसके निर्माण पर कुल 516 करोड़ की लागत आई है।  भारत-नेपाल सीमा के लिए सामरिक दृष्किोण से भी यह रेल महासेतु काफी महत्वपूर्ण है। इस परियोजना को कोविड महामारी के दौरान ही अंतिम रूप दिया गया जिसमें प्रवासी श्रमिकों की भी सेवा ली गई।  



इस प्रकार बिहार राज्य विशेषकर कोसी क्षेत्र के लोगों का 86 वर्ष पुराना सपना अब साकार होने जा रहा है। कोसी रेल महासेतु राष्ट्र को सर्मिपत करने के साथ ही सहरसा-आसनपुर कुपहा डेमू ट्रेन का सुपौल स्टेशन से शुभारंभ करेगे। परिचालन प्रारंभ हो जाने के बाद सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को काफी लाभ होगा । साथ ही इस क्षेत्र के लोगों के लिए कोलकाता, दिल्ली और मुंबई तक की लंबी दूरी की ट्रेनों से यात्रा करना काफी सुविधाजनक हो जाएगा।
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