कोरोना महामारी के कारण रक्सौल के सीमावर्ती इलाके में ईद की रौनक रही फीकी, घरों में पढ़ी गईं नमाज
रक्सौल। अनिल कुमार। सीमावर्ती इलाके में ईद की रौनक फिकी रही। कोरोना बिमारी के कारण सरकार के द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी का पालन करते हुए लोगों ने अपने घरों में ही रहकर ईद की नमाज पढ़ी। मस्जीद, ईदगाह में ताला लगा हुआ दिखायी दिया। लोगों ने बताया कि शायद यह पहला मौका है जब ईद का त्योहार इतनी सादगी के साथ मनाया गया है। वहीं लोगों का कहना था कि आज के समय में पूरा विश्व महामारी से गुजर रहा है, ऐसे में ईद की खुशी का कोई मतलब नही रह गया है। लोगों ने ईद की नमाज पढ़ने के साथ-साथ अल्लाह से दुआ की कि कोरोना महामारी का जल्द से जल्द अंत हो जाये, ताकि दुनिया में सभी लोग अच्छे से रह सके।
इधर, ईद को लेकर सुबह में मस्जीदों के आसपास प्रशासन की गस्ती टीम तैनात थी। मंदी के बीच ईद का त्योहार लोगों में कम से कम खर्च में मनाने की कोशिश की। बच्चों में भी ईद को लेकर किसी तरह का खास उत्साह नहीं था। सभी ने कहा कि जल्द इस कोरोना का अंत हो ताकि फिर से अमन-चैन लौट सके और लोग त्योहारों को खुशी के साथ मना सके। इंस्पेक्टर अभय कुमार ने बताया कि लोगों ने प्रशासन की अपील को मान कर अपने घर से ही ईद की नमाज पढ़ी है।
पूरे रक्सौल में ईद का त्योहार शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है, कहीं से किसी प्रकार के अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।उक्त बावत समसुद्दीन आलम ने कहा कि अभी वक्त है कोरोना से जंग का इसलिए अल्लाह को कहीं से भी याद कीजिये, वो हमारी मदद जरूर करेंगे। मौके पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष शमसुद्दीन आलम,मोहम्मद निजामुद्दीन , रमजान आलम, ग्यासुद्दीन आलम, अलाउद्दीन आलम, जलालुद्दीन आलम, सलाउद्दीन आलम,कयामुद्दीन आलम, परवेज आलम, शालू अहमद, आदि उपस्थित थे।