हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक डॉ. नंदकिशोर नवल के निधन पर राज्यपाल फागू चैहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताया गहरा शोक
पटना। बिहार के राज्यपाल फागू चैहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिन्दी के जाने-माने साहित्यकार और आलोचक डॉ. नंदकिशोर नवल के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि उनके निधन से हिन्दी साहित्य को अपूरणीय क्षति पहुंची है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक व 83 वर्षीय मूर्धन्य डॉ नंदकिशोर नवल का मंगलवार की रात निधन हो गया था। प्रसिद्ध आलोचक नंदकिशोर नवल बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। मिली जानकारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार गुलबीघाट पर किया गया। उनके अंतिम संस्कार के समय प्रो योगेश प्रताप शेखर, सत्येंद्र सिन्हा, जावेद अख्तर खान, परवेज अख्तर, अवधेश प्रीत, प्रो पद्म कुमार, संजय शांडिल्य, संजय पांडेय, पंडित विनय कुमार, श्रीधर करुणानिधि, रुपेश आदि लोग भी उपस्थित थे
वे कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। 83 साल के डॉ नवल जी पटना विवि में हिंदी के प्राध्यापक रह चुके थे। उनका जन्म दो सितंबर, 1937 को वैशाली जिले के चांदपुरा में हुआ था।
उनके अंतिम संस्कार में लगभग 50 लोगों की उपस्थिति में उनके पुत्र चिंतन भारद्वाज ने मुखाग्नि दी। करीब साढ़े आठ बजे सुबह राजप्रिया अपार्टमेंट, बुद्धा कॉलोनी से उनकी अर्थी गुलबीघाट विद्युत शवदाह गृह के लिए निकली। बुधवार को करीब 12 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।
चिंतन ने कहा कि शमशान जाने के दौरान बीच में दरभंगा हाउस के हिंदी विभाग में उनकी इच्छा के अनुरूप उनकी अर्थी लगभग 50 मिनट तक रखी गयी। 12 बजे अंतिम संस्कार पूरा हुआ था। उसके बाद उनकी अस्थियों को वहीं गांगा नदी में प्रवाहित किया गया था।