बिहार
लाॅक डाउन की वजह से बदल रही गांव की हवा, प्रकृति के लिए वरदान साबित हो रहा लॉक डाउन
By Deshwani | Publish Date: 4/5/2020 9:09:58 PMमोतिहारी/पताही। माधुरी रंजन। पताही प्रखंड में कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए लगाएं गए लाॅक डाउन की वज़ह से पुरे प्रखंड क्षेत्र की हवा बदल गई है।लाॅक डाउन पाबंदियों के कारण प्रदूषण में काफी कमी देखी जा रही है। एक ओर जहां कोरोना वायरस संक्रमण मानवता के लिए कहर बन कर टूट पड़ा है तो दूसरी ओर वर्तमान समय प्रकृति के लिए वरदान साबित हुआ है। लाखों करोड़ रुपये खर्च करने के बाद जो काम नामुमकिन था वह काम लाॅक डाउन ने करीब सवा महीने में ही कर दिखाया।
लाॅक डाउन से वाहनों का शोर कम हो गया है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। जेनरेटर नहीं चल रहे हैं। होटल,चाय नाश्ता की दूकाने भी बंद पड़ी है। इसका असर सीधे पर्यावरण पर पड़ा है। कार्बन उत्सर्जन कम होने से हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा कम हो गई है।इन सब वजहों से रविवार की सुबह प्रखंड क्षेत्र का एक्यूआई ( एयर क्वालिटी इंडेक्स ) 53 दर्ज किया गया है। पीएम ( पर्टिकुलेट मैटर) 10 की 47 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2•5की 6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है। वहीं घरों के अंदर इसकी मात्रा और ज्यादा बेहतर हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में परिवहन के कारण 10-15 फीसदी , सड़कों पर धूल से 12-17फीसदी ,घर से निकलने वाले कचरे से 8-12 फीसदी , खुले में कचरे से 4-7 फीसदी , जेनरेटर के प्रयोग से 3-6फीसदी ईंट-भट्ठा से 11-28 फीसदी और निर्माण कार्यों से 7-11फीसदी वायु प्रदूषण फैलता है।एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर कम होने का फायदा प्रखंड क्षेत्र के लोगों पर साफ देखा जा रहा है । चिकित्सा प्रभारी डाक्टर मोहन प्रशाद ने बताया कि अब प्रखंड क्षेत्र से सांस लेने, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों के साथ अन्य बिमारी के मरीज स्वास्थ्य केन्द्र पर अपना इलाज कराने कम आ रहें हैं। लाॅक डाउन की वजह से हुएं बदलाव में प्रखंड क्षेत्र कि अगली पिढी के भविष्य के लिए एक उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।