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नेपाल से वतन लौट रहे करीब 400 भारतीय को बीरगंज प्रशासन ने रोका, डिटेंशन सेन्टर में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं, कर रहे भारत बुलाने की अपील
By Deshwani | Publish Date: 1/4/2020 9:34:56 PM
नेपाल से वतन लौट रहे करीब 400 भारतीय को बीरगंज प्रशासन ने रोका, डिटेंशन सेन्टर में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं, कर रहे भारत बुलाने की अपील

मोतिहारी/रक्सौल अनिल कुमार नेपाल से अपने देश लौट रहे भारतीय कामगारों के साथ कथित अमानवीय व्यवहार की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या 400 के करीब है। एक वीडियो दिखाया जा रहा, जिस वीडियो में लोग बता रहे हैं कि उन्हें एक ही कमरे बहुत लोगों के साथ रखा गया है। ये यह भी आरोप लगा रहे हैं कि इन्हें खाना भी नहीं मिल रहा है। हालांकि इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इन लोगों अपील की है कि उन्हें भारत स्थित डिटेंशन सेंटर में बुला लिया जाए। 

 
 
 कोरोना वायरस महामारी के दौरान नेपाल में रहने वाले भारतीय लोग लगातार अपने घर वापस आ रहे हैं। ऐसे ही करीब 400 की संख्या में लोग मंगलवार की रात को लौट रहे थे। जिन्हे (बीरगंज) नेपाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
 
 आरोप लग रहा है कि पुलिस जबरन ऐसे आइसोलेशन सेंटर लेकर चली गयी। जहां पर न तो लोगों के ठहरने की समुचित व्यवस्था थी और ना ही खाने पीने का इंतजाम ही।
 
फिर क्या था। लोग उग्र हो गये। जिसके बाद नेपाल पुलिस ने वीरगंज के ठाकुर राम कॉलेज के छात्रावास में सभी लोगों को अंदर करके मेन गेट पर ताला लगा दिया।
 
 
 इससे आइसोलेशन सेंटर जेल के रूप में बदल गया। बच्चों से लेकर बड़े सभी भूख-प्यास के कारण चिल्लाते रहे। दिन के समय जब यह खबर स्थानीय लोगों को लगी तो कुछ स्वंयसेवी संगठन के लोगों ने पानी और बिस्कुट का प्रबंध किया।
 
लिहाजा खाने की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी। वीरगंज महानगरपालिका के मेयर विजय सरावगी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि हम चाहते है कि भारतीय नागरिक अपने वतन को लौट जाए।
 
 लेकिन वहां की सरकार ही इन्हे वापस नहीं बुलाना चाहती है। इतनी बड़ी संख्या के लिए एकाएक इंतजाम नहीं हो सकता था। इसलिए परेशानी हुई है। धीरे-धीरे और भी व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है। जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर इतने लोगों के लिए मानक के हिसाब से प्रबंध क्यों नहीं हुए। तो उन्होने कहा कि जो हम कर सकते है, कर रहे है। लेकिन भारत सरकार ने अपने हाथ खड़े कर लिये है। भारतीय महावाणिज्यदूतावास की कोशिश भी रंग नहीं ला पा रही है। जिससे रोज नेपाल के अलग-अलग इलाको से आ रहे लोग सीमाई इलाके में फंस रहे है। नेपाल में कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन के बाद लोगों को काम नहीं मिल रहा है, जिससे उनके पास पैसा खत्म हो गया है। ऐसे में लोग जैसे-तैसे पैदल चलकर अपने देश लौटना चाहते है। परंतु कानूनी बंदिश के बीच वे भारत नहीं आ पा रहे है। अब (बीरगंज) नेपाल के आइसोलेशन सेंटर में हो रहे व्यवहार से उसमें रह रहे, भारतीय नागरिक काफी क्षुब्ध हैं।
 
 
 लोगों का कहना है कि भारत सरकार चाहे तो पूर्ण रूप से मेडिकल जाँच करा ले, लेकिन हमें हमारे वतन वापस बुला ले। हम तीन दिनों से भूखे है। पैदल चलकर आ रहे है। हम इंडिया के किसी कैंप में रह लेगें। लेकिन ऐसी व्यवस्था में रहने से दम घुट रहा है। बता दें कि दो दिन पहले भी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में नेपाल से लोग आये थे, जिन्हे भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद सभी लोग पगडंडी रास्तो के सहारे घुस आये थे। अब 400 लोग आइसोलेशन में (बीरगंज) नेपाल है। ऐसी सूचना है कि गुरुवार तक यह संख्या और बढ़ सकती है।
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