बेतिया। अवधेश कुमार शर्मा। पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया से 25 किलोमीटर दूर नरकटियागंज अनुमण्डल क्षेत्र के लौरिया प्रखण्ड, 36 किलोमीटर दूर नरकटियागंज प्रखण्ड और 55 किलोमीटर गौनाहा प्रखण्ड क्षेत्र में स्थित इतिहासिक स्थलों के विकास पर ध्यान दिया जाय तो सर्वाधिक बौद्ध धर्म से जुड़े स्थल मिल जाएंगे। उन स्थलों को "बुद्ध सर्किट" से जोड़कर विकास किया जाए तो अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की असीम संभावनाएं पश्चिम चम्पारण में हैं। अभी सभी बौद्ध स्थल अव्यवस्थित हैं, बावजूद इसके बौद्ध धर्मावलंबियों का आना जाना लगा रहता है।
बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए थाईलैंड से हवाई यात्रा कर बौद्धों की टीम कोलकाता से पदयात्रा करते हुए, महात्मा बुद्ध की परित्याग भूमि पश्चिम चम्पारण पहुँच गई है।सूत्र बताते हैं कि कोलकाता से पदयात्रा कर 105 बौद्धों का एक जत्था शुक्रवार अपराह्न रामनगर पहुंच गया है। बौद्धधर्म के प्रचार प्रसार को निकले बौद्धिष्ठ पदयात्रा कर भारत के सभी बौद्ध स्थलों का भ्रमण करेंगे। रामनगर क्षेत्र में बौद्धिष्ठों के पहुँचने की ख़बर ग्रामीणों ने रामनगर थाना पुलिस को दिया। तदुपरान्त रामनगर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक नितेश कुमार व सहायक अवर निरीक्षक कृष्ण राय पुलिस बल के साथ पहुँच कर जानकारी ली। बकौल बौद्धिष्ठ वे सभी बोधगया, वैशाली, कुशीनगर, श्रावस्ती(नेपाल), कौशाम्बी और (इलाहाबाद) प्रयागराज समेत अन्य बौद्ध स्थलों का भ्रमण करते हुए, छौघरिया पहुंचे हैं। शनिवार को उन्होंने रमपुरवा का अशोक स्तम्भ देखा प्रार्थना किया, उन्होंने बताया कि रात्री उपरान्त अन्यत्र रवाना होंगे।
उन्हें भारत के सभी बौद्घ स्थलों का भ्रमण करना है। वे लोग रामनगर से लौरिया, नन्दनगढ़ जायेंगे और रमपुरवा(गौनाहा) में विश्राम करेंगे। बौद्धिष्ठों ने बताया कि भारत श्रेष्ठ है, अच्छा है और बुद्ध की ज्ञान भूमि है, भारत के लोग अच्छे और सहयोगी हैं। थाईलैंड से आईं बौद्धिष्ठों का नेतृत्व तीराचाई व्चियंग पोंग, चोन्बुर्ड, नापियंग युचारोयें, बैकोक, सोंगपियाई फुयाई, बैकोक, सानोम इमोची, स्राकैव, थाईलैंड निवासी ने किया।