बिहार
चंपारण में बेमौसम बरसात ने तोड़ी किसानों की कमर, बर्बाद हो गई लहलहाती रबी फसल
By Deshwani | Publish Date: 14/3/2020 7:32:39 PMबेतिया।हृदयानन्द सिंह यादव।बिहार के पश्चिम चंपारण में बेमौसम बारिश से जहां एक तरफ जिले में फिर ठंड ने दस्तक दी है। तो वहीं, अन्नदाताओं के चेहरे की चमक भी छीन ली है। दलहन और तिलहन के साथ-साथ पूरी रबी की फसल बर्बाद हो गई है।बेमौसम बरसात ने उत्तर बिहार समेत पश्चिम चंपारण जिला में किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश के बाद रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसान अब भगवान और सरकार से गुहार लगाने को मजबूर हैं।
शुक्रवार से लगातार रूक-रूक कर हो रही बारिश की वजह से खेत में लगे गेहूं, तेलहन और दलहन फसल की कटाई करने की तैयारी में जुटे किसान अब निराश हो चले हैं। अधिकांश गेहूं की फसलें बेमौसम बारिश की मार से बर्बाद हो गई हैं। तो वही तेलहन और दलहन की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की बालियों में नमी आ गई है। वही सरसों और मसूर भी मुरझा गए हैं। सब्जी की खेती को भी नुकसान पहुंचा है। सामने बर्बादी देखकर किसान मायूस हैं। सरकार और भगवान से गुहार लगाने को मजबूर हो गए हैं।
लगातार बेमौसम बारिश के बाद फसल के नुकसान की अभी भरपाई भी नही हो पाई थी तब तक दूसरी बारिश ने उन्हें फिर तबाही की ओर धकेल दिया। किसानों का कहना है कि ये बारिश उनके लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आया है। सरकारी अनुदान का भी कोई अता-पता नही है। डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों ने उनके जेब पर भारी प्रहार किया है। अन्नदाता आज अपने खेतों में लगे फसल को समेटने में जुटे सरकार से राहत और मदद की मांग कर रहे हैं।
बेमौसम बारिश के कारण रबी फसल के साथ-साथ सब्जी को भी काफी नुकसान हुआ है। पूरे सब्जी के खेत में पानी भरा गया है। जिसके कारण सब्जी की फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो गई।गौरतलब है कि दो दिनों की बारिश ने किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया है। गुरुवार से शुरु हुई बारिश बरसात के मौसम होने का एहसास करा रही है। खेतों में जमा पानी कुछ इसी तरह का नजारा पेश कर रही है। वहीं, खेतों में तैयार फसलों के नष्ट होने से किसान बुरी तरह से टुट गए हैं। साथ ही खेत-खलिहानों में रखी फसलें बर्बादी के कगार पर पहुंच गई हैं।
किसानों का कहना है कि ये बारिश उनके लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आया है। सरकारी अनुदान का भी कोई अता-पता नही है। डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों ने उनके जेब पर भारी प्रहार किया है। अन्नदाता आज अपने खेतों में लगे फसल को समेटने में जुटे सरकार से राहत और मदद की मांग कर रहे हैं।