ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सीबीआई ने कहा, बच्चों की हत्या के साक्ष्य नहीं , सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में कहा-किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई
By Deshwani | Publish Date: 8/1/2020 7:42:03 PM
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सीबीआई ने कहा, बच्चों की हत्या के साक्ष्य नहीं , सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में कहा-किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई

नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई की चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई। जो कंकाल और हड्डियां मिली थीं, वो किन्हीं और बालिग लोगों की थीं।


अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई जांच में साफ हुआ है कि किसी नाबालिग की शेल्टर होम में हत्या नहीं हुई है। सीबीआई को जांच में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला। जिनकी हत्या होने का शक था, वो सभी 35 लड़कियां जीवित मिलीं। ग्यारह सितम्बर, 2018 को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने लड़कियों के पुर्नवास की सम्भावनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। पिछली 18 जुलाई को सुप्रीम ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को निर्देश दिया था कि वो शेल्टर होम की भुक्तभोगी सभी 44 लड़कियों के पुनर्वास की योजना तैयार करे। कोर्ट ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को निर्देश दिया था कि वो इसके बारे में रिपोर्ट दाखिल करें।


उसके पहले 3 जून को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो बच्चियों की हत्या, अप्राकृतिक यौनाचार, शेल्टर होम में आने वाले बाहरी लोगों की भूमिका जैसे पहलुओं की जांच पूरी करें। कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि भारतीय दंड संहिता के तहत रेप के आरोपों और यौन शोषण की वीडियो रिकॉर्डिंग की भी जांच करे।

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS