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बिहार
नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने और बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा के मांग को लेकर जविपा ने दिया धरना
By Deshwani | Publish Date: 18/12/2019 11:07:43 PM
नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने और बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा के मांग को लेकर जविपा ने दिया धरना

पटना बहुमत के अहंकार में चूर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है, जिससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द, राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता, धर्मनिरपेक्षता और यहां तक कि संविधान पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है। वहीं, दूसरी ओर संघ की गोद में जाकर बैठने वाले बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की कोई चिंता नहीं है। इसलिए जनतांत्रिक विकास पार्टी, नागरिकता संशोधन कानून CAA को वास लेने और बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग को लेकर राज्‍य के सभी जिला मुख्‍यालयों पर धरना देने को बाध्‍य हुई है। ये कहना है जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्‍टृरीय अध्‍यक्ष श्री अनिल कुमार का, जिन्‍होंने गर्दनीबाग में पार्टी की ओर से धरना देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी और बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है।

 
अनिल कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून राष्ट्र की नींव को खोखला करने वाला कानून है या ना सिर्फ संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारों के विरुद्ध है बल्कि संविधान के आत्मा के खिलाफ भी है। इस देश विरोधी कानून का विरोध करना हर देशवासियों का पुनीत कर्तव्य है नागरिकता संशोधन कानून धर्मनिरपेक्षता धर्मनिरपेक्षता विरोधी है और दबे कुचले शोषित वंचित दलित अल्पसंख्यक और पिछड़ों की आवाज को दबाने के लिए काले अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून है। अहंकारी मोदी सरकार इस काले कानून के खिलाफ पूरे देश में हो रहे छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए बर्बर तरीका अख्तियार कर रही है। प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई जा रही है। असम में प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई है। जामिया जैसे विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी में आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।
 
 
उन्‍होंने कहा कि आज देश में भय और अशांति का माहौल है। अराजकता व्याप्त है, परंतु मोदी सरकार नीरो की तरह चैन की वंशी बजा रहे हैं। ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।  यहां तक कि इसके खिलाफ पूरे देश में चल रहे छात्र आंदोलन को कुचलने में मोदी सरकार तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है और छात्रों को प्रताड़ित कर रही है। आज देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। जीडीपी न्यूनतम स्तर पर है। मोदी जी पाकिस्तान की बात तो खूब करते हैं लेकिन पाकिस्तान की जीत पर भारत से अच्छी है। इसकी चिंता सत्ता में बैठे लोगों को नहीं है। वे इन मुद्दों पर सवाल ही नहीं उठने देना चाहते हैं इसलिए दोबारा सरकार बनाने के बाद तीन तलाक, 370, एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून लाकर देश के संविधान को कमजोर करने की कोशिश की है और उन्माद जानबूझकर फैलाया गया है।
 
उन्‍होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसे लोकसभा और राज्यसभा में तार-तार होने के लिए छोड़ दिया। नीतीश कुमार ने तो पार्टी के संविधान को कुर्सी के लिए दरकिनार कर दिया। एक ओर केंद्र की मोदी सरकार काला कानून बना रही है और दूसरी आरे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी नहीं दे रही है, जो हमारा हक है। उन्‍होंने कहा कि याद करिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2019 के सितंबर माह में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर कांग्रेस राज में आंदोलित रहे और बिहार से लेकर दिल्ली तक धरना, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, अधिकार रैली दिल्ली में भीख नहीं अधिकार चाहिए नारे के साथ अपने सत्ता के स्वार्थ अनुसार समय-समय पर दिखावे की छाती पीटते रहे और पूरे राज्य एवं देश में चर्चा में बने रहे झारखंड 2000 में बंटवारे के बाद बिहार राज्य की आर्थिक स्थिति और चरमड़ा गई। केंद्र द्वारा कोयला पेट्रोलियम अभ्रक आदि खान खनिज संपदा आजादी के बाद जितने भी समुद्र किनारे राज्य को मिला केंद्र के सौतेले व्यवहार के कारण बिहार को नहीं मिला। वैसे भी जो पैमाना संविधान के भाग 21 के अनुच्छेद 370 और 371 की उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का जो मापदंड है बिहार उसे पूरा करता है बिहार के माननीय मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया था कि जो सरकार हमें विशेष राज्य का दर्जा देंगे हम उसी के साथ उसी का साथ देंगे और नरेंद्र मोदी की सरकार बनी बनने के पहले मोदी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया बाद में जुमला बनकर रह गया।
 
 
उन्‍होंने कहा कि यह कड़वा सच है कि राज्य सरकार के नेतृत्व की कमजोरी के कारण बिहार विशेष राज्य के दर्जे से वंचित रह गया। इसलिए जन अधिकार पार्टी नागरिकता संशोधन कानून और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक भीष्म संकल्प लिया है। चाहे इसके लिए शरीर के खून का एक कतरा क्यों ना बहाना पड़े पार्टी संघर्ष करेगी और गोरे अंग्रेजों को जिस तरह से हमारे पूर्वजों ने भगाया था, आज वैसे ही काले अंग्रेजों को सत्ता से बेदखल करके ही जविपा दम लेगी।
 
प्रदर्शन में प्रदेश अध्‍यक्ष संजय कुमार मंडल, प्रदेश उपाध्‍यक्ष बिंदेश्‍वरी मंडल, संजय मिश्रा, दशरथ पासवान, तुलसी मांझी, अमलकांत राम, अमरजीत कुमार, सकलदीप दास, राजेश दास, कौशल कुमार, विनोद राम, तनवीर हसन, अविनाश जी, आदि लोग मौजूद रहे।
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