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बिहार
जल-जीवन-हरियाली के तहत 1032 करोड़ रुपये की लागतवाली 841 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास
By Deshwani | Publish Date: 3/12/2019 10:25:24 PM
जल-जीवन-हरियाली के तहत 1032 करोड़ रुपये की लागतवाली 841 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास

बेतिया हृदयानन्द सिंह यादव /अवधेश कुमार शर्मा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-2 प्रखंड स्थित चम्पापुर में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत आयोजित जागरूकता सम्मेलन में  1032 करोड़ (103216.712 लाख) रुपये की लागतवाली 841 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया। सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर किया। जागरुकता सम्मेलन को लेकर बने मंच पर तिरहुत प्रमंडल आयुक्त श्री पंकज कुमार ने पौधा भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने फूलों का बड़ा माला, गुलदस्ता एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं आज उद्घाटित और शिलान्यास किये गए विभिन्न विकासात्मक योजनाओ से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया। सम्मेलन में शामिल होने से पूर्व मुख्यमंत्री ने चम्पापुर (गनौली) पोखरा के जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण कार्य का निरीक्षण किया। पोखरा निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया। इसके पश्चात चम्पापुर गांव का भ्रमण कर सार्वजनिक कुंए के जीर्णोद्धार सहित विकास कार्यों का जायजा लिया। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का अभिनंदन करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज हमने पश्चिम चम्पारण के चम्पापुर से जल-जीवन-हरियाली यात्रा की शुरुआत हमने कर दी है। हमने हर यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण से ही की है। इस यात्रा के माध्यम से पर्यावरण संतुलन के प्रति लोगों को सचेत करना है ताकि हमारी आनेवाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ शुद्ध पेयजल भी मिलता रहे। जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में 13 जुलाई को हमने विधानमंडल सदस्यों की बैठक बुलाई थी जिसमे जल-जीवन-हरियाली अभियान पूरे बिहार में चलाने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के तहत अगले 3 वर्षो में 24 हजार करोड़ रुपया खर्च कर जलवायु परिवर्तन में सुधार लाने की दिशा में अनेक कार्य किये जायेंगे। जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तहत हम पूरे बिहार में जाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के प्रति लोंगो को प्रेरित करेंगे।  वर्ष 2007 से हम लोगों को राहत दिलाने का काम करते रहे हैं जो निरंतर आगे भी जारी रहेगा, क्योकि सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है।  सभी सरकारी भवनों में जल संचयन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। 19 करोड़ पौधे लगाकर बिहार का हरित आवरण 9 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत पर पहुंचाने में हमलोग कामयाब हुए जिसे बढाकर 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित है। बदलते मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाने को लेकर भी काम आगे बढ़ रहा है। बाल्मीकिनगर का जंगल बहुत ही सुंदर और घना है। पूरे बिहार में अतिवृष्टि और सूखा के कारण आपदा की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। जलवायु परिवर्तन के कारण कई जगहों पर पर्यावरण में बदलाव होने से समस्याएं उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कुओं के साथ ही आहर-पाइन, तालाब का जीर्णोद्धार एवं उसे अतिक्रमणमुक्त करने सहित 11 कामों को जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ा है। इसके अलावे सार्वजनिक चापाकल को भी मेंटेन किया जाएगा। चम्पापुर तालाब देखकर मुझे काफी अच्छा लगा। एक अने मार्ग मुख्यमंत्री आवास में जापान के वैज्ञानिक द्वारा विकसित मियावाकी तकनीक का उपयोग कर 30 बाई 30 में 256 पौधारोपण किया गया है। इस तकनीक के जरिये 2 साल में ही पेड़ की ऊंचाई 10 साल के बराबर हो जाती है।

 
 
इस बार फरवरी माह में जो बच्चे मुख्यमंत्री आवास का भ्रमण करने आएंगे, उन्हें भी इस प्रयोग को दिखाया जाएगा। हमने डीएम साहब को भी ओस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाये जाने का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में ही फसल अवशेष में आग लगाने की शरुआत इस इलाके में भी हो गयी है उन्होंने कहा कि रोहतास, कैमूर, पटना, नालंदा के बाद अब उत्तर बिहार में भी लोग अपने खेतों में फसल अवशेष जलाने लगे है जो पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के लिहाज से बहुत ही खतरनाक है। इससे सबको बचना होगा और फसल कटाई में कम्बाईन हार्वेस्टर का त्याग कर रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रा बेलर एवं रीपर कम बाइंडर जैसे कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करते हुए किसानों को प्रेरित करना होगा। इन यंत्रो की खरीद पर सरकार किसानों को 75 प्रतिशत जबकि एससी, एसटी एवं अतिपिछड़ा समुदाय के किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान मुहैया करा रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान से फसल अवशेष प्रबंधन को भी जोड़ा जा रहा है।  खेतों में रहनेवाले फसल अवशेष को काटने, संग्रहित करने एवं उसका बंडल बनाने के लिए रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रीपर एवं स्ट्रॉ बेलर, रीपर कम बाइंडर जैसे कृषि यंत्र को 75 प्रतिशत के अनुदान राशि पर सामान्य किसानों को जबकि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अतिपिछड़ा समुदाय के किसानों को 80 प्रतिशत की राशि पर मुहैया कराया जाएगा। इन यंत्रों का उपयोग करने से खेतों में फसल अवशेष जलाने की नौबत नही आएगी। पहले 15 जून को ही  बिहार में मॉनसून का आगमन हो जाता था और औसतन 1200 से 1500 मिलीमीटर वर्षापात हुआ करती थी जो घटते-घटते 900 मिलीमीटर के करीब पहुंच गया। 
 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल तक पूरे बिहार में हर घर तक नल का जल उपलब्ध करा देंगे। नल का जल शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल है, इसलिए इसका दूसरे कामो में दुरुपयोग न करें। इससे भूजल स्तर नीचे चला जायेगा और एक समय ऐसा आएगा कि भूजल खत्म हो जाएगा।पूरे देश मे शौचालय निर्माण का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। लोगों को खुले में शौच से मुक्ति और पीने का अगर स्वच्छ पानी मिल जाये तो 90 प्रतिशत बीमारियों से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा। मेरा काम है आपकी सेवा करने के साथ ही आपको जागृत करना कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नही। सात निश्चय योजना के तहत जो काम हो रहे हैं, इसकी मोनिटरिंग मुख्य सचिव के स्तर से की जा रही है।
 
 
हर इच्छुक परिवार तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हमने दिसंबर 2018 तक निर्धारित किया था जिसे तय समय से दो माह पहले ही पहुंचा दिया गया। हर घर बिजली योजना को अपनाए जाने के बाद अब केंद्र ने वर्ष 2024 तक हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा ही अक्षय ऊर्जा है जो हमें पृथ्वी का अस्तित्व बरकरार रहने तक सदैव मिलता रहेगा। ग्रिड के माध्यम से हम जो बिजली पहुंचा रहे है, उसकी एक समय सीमा है, क्योकि कोयले का सीमित भंडार है। इसलिए सौर ऊर्जा के प्रति हमलोग लोगों को प्रेरित करेंगे। क्योंकि सही मायने में सौर ऊर्जा ही असली ऊर्जा है जिसे लोग नकली ऊर्जा समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोयले का भंडार सीमित है इसलिए असली ऊर्जा सौर ऊर्जा ही है जो सदैव लोगों को मिलता रहेगा। इसके लिए सबसे पहले सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाने के बाद लोगों को अपने-अपने घरों पर सोलर प्लेट लगाने के लिए हमलोग प्रेरित करेंगे। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीने के कारण दुनिया भर में मरनेवालों की संख्या प्रतिवर्ष 30 लाख है| दुनिया भर में जीतनी मौतें है उसमे 15.3 प्रतिशत मौत शराब पीने के कारण हुआ करती है| शराब सेवन के कारण दुनिया भर में 18 प्रतिशत आत्महत्या, 18 प्रतिशत आपसी झगड़े, 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना, 13 प्रतिशत मिर्गी, 48 प्रतिशत लीवर की बिमारी, 26 प्रतिशत माउथ कैंसर, 20 प्रतिशत टीबी की बीमारी हुआ करती है| उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्य सचिव और डीजीपी भी उस बैठक में शामिल हुए थे जिसमें शराबबंदी को और  प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सख्ती करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ ड्राइवर और खलासी को पकड़ने से काम नहीं चलेगा, बल्कि बड़े शराब माफियाओं को पकड़ना होगा। शराब के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कड़ी नजर रखनी होगी। आईजी प्रोविजन के नेतृत्व में शराबबंदी के लिए एक व्यवस्था बनायी गई है।
 
 
 
उन्होंने कहा कि सतत निगरानी के लिए सप्ताह में पांच दिन आधे घंटे डीजीपी खुद इसकी निगरानी करेंगे। 26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस के अवसर पर डीजीपी साहब ने शराब बंदी अभियान से जुड़ी एक कविता मुझे बतायी थी जो मुझे बेहद पसंद आयी थी, उसे आप सब के सामने रख रहा हूं..."चल पड़ा है कारवां, बीच में रुकना मना है, विघ्न पथ को लांघना, हारना झुकना मना है" मुझे उम्मीद है कि डीजीपी शराबबंदी अभियान को बेहतर ढंग से संचालित करेंगे और गड़बड़ करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेगे, चाहे वो सरकारी तंत्र में ही कोई व्यक्ति क्यों न हो। आपके प्रति हम प्रतिबद्ध है, जो वचन दिया है उसे पूरा करते हैं और करेंगे। जनसभा में उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से बचने एवं पर्यावरण को ठीक रखने के लिए हमे काम करना चाहिये। सात निश्चय के अलावे अन्य योजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के कारण कुछ लोग परमानेंट मेरे खिलाफ हैं, लेकिन इस मसले पर हम कभी समझौता नहीं करेंगे| वर्ष 2017 में शराबबंदी के पक्ष में जबकि 2018 में बाल विवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ हमलोग मानव श्रृंखला कर चुके है| हमलोगों ने यह निर्णय लिया है कि 19 जनवरी 2020 को शराबबंदी, दहेज़ प्रथा, बाल विवाह के साथ-साथ जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर मानव श्रृंखला करेंगे जो पूर्व में बने मानव श्रृंखला के सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा| 19 जनवरी 2020 को मानव श्रृंखला में एक दूसरे का हाथ पकड़कर 45 मिनट तक पूरे बिहार के लोग दुनिया को जलवायु परिवर्तन में सुधार लाने का संदेश देंगे। जनसभा में मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री के समक्ष हाथ उठाकर मानव श्रृंखला में शामिल होने का संकल्प लिया। जल महत्वपूर्ण है यह लोगों को समझाना होगा क्योकि जल और हरियाली के बीच ही जीवन है| 
 
 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार स्वाभिमान बटालियन के तहत 992 पदों का सृजन किया गया था जिसमे 675 सिपाही का पद अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए है। 675 में से जो शेष 454 रिक्तियां है उस सन्दर्भ में केंद्रीय चयन पर्षद को अधियाचना भेज दी गयी है। इन पदों पर शीघ्र ही नियुक्ति होगी। गन्ना किसानों को भी चिंता करने की आवश्यकता नही है, बहुत ही जल्द गन्ने के दर का निर्धारण कर दिया जाएगा। जलवायु परिवर्तन में सुधार, पर्यावरण संकट से छुटकारा एवं सामाजिक जागृति लाना ही जल-जीवन-हरियाली अभियान का मकसद है। मनुष्य को यदि अपना और पशु-पक्षियों का जीवन बचाना है तो जल के साथ-साथ हरियाली को बचाने के लिए भी सचेत और जागरूक होना पड़ेगा। जनसभा को खाद्य उपभोक्ता संरक्षण एवं पश्चिम चंपारण जिला के प्रभारी मंत्री मदन सहनी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, सांसद वैधनाथ प्रसाद महतो, विधायक  भागीरथी देवी, विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय एवं तिरहुत प्रमंडल आयुक्त पंकज कुमार ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक विनय बिहारी, पूर्व मंत्री  राजेश सिंह, पूर्व सांसद कैलाश बैठा, पूर्व विधायक प्रभात रंजन, पूर्व विधायक प्रदीप सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जल-जीवन-हरियाली मिशन के निदेशक राजीव रौशन, पुलिस उपमहानिरीक्षक ललन मोहन प्रसाद, बगहा एसपी आदित्य कुमार, जीविका दीदियां सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
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