रक्सौल।अनिल कुमार। सरकार द्वारा देश के विभिन्न बैंकों का मर्ज किया गया है और आगे भी किये जाने की संभावना है। इसको लेकर देश के विभिन्न बैंकों के कर्मियों में काफी रोष है। सरकार के इस कार्य से खफा होकर बैंक कर्मियों ने पूरे देश में सार्वजनिक हड़ताल कर इसका जमकर विरोध किया।
इसी कड़ी में रक्सौल में ईआबीईए के टीम लीडर मि. प्रभाकर के नेतृत्व में ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक सहित अन्य बैंकों के दर्जनों बैंक कर्मियों ने भी हड़ताल कर अपनी मांगों को रखा। इस कड़ी में वे विभिन्न बैंकों में जाकर अपनी मांगों का प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। बताया कि एक तरफ सरकार छोटे बैंकों को लाइसेंस मुहैया करा रही है और दूसरी तरफ पुराने बैंकों को मर्जर कर रही है।
उन्होंने आशंका जताई कि कहीं सरकार इन बैंकों का पूर्ण निजीकरण करते हुए बड़े कंपनी को बेचना तो नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि देश की जनता से अपील है कि देशहित में बैंक यूनियन का साथ दें और हड़ताल में समर्थन करें। वहीं एक दिन के इस हड़ताल में बैंक बंद रहने से भारत-नेपाल सीमा के व्यापार पर व्यापक असर पड़ा, करोड़ो रूपये का ट्रांजेक्शन रुक गया। जबकि बैंक के बंद रहने से आम लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौके पर अग्निवेश गुप्ता, अभिषेक कुमार, लोकेश कुमार, रवि कुमार, सुरभी जायसवाल, मुन्नी लाल जी, रामाधार कुमार, आशुतोष जी, राकेश जी व तिवारी जी आदि उपस्थित थे।