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बिहार
छोटी-छोटी उपलब्धियों में करें खुशी की तलाश: मनोज कुमार
By Deshwani | Publish Date: 10/10/2019 6:19:35 PM
छोटी-छोटी उपलब्धियों में करें खुशी की तलाश:  मनोज कुमार

- अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कार्यशाला का  आयोजन
- पिछले 4 सालों में 11 जिलों में कुल 45745 मानसिक रोगियों की पहचान 
- कुल 60 स्वास्थ्य कर्मियों को मिला निम्हांस बेंगलुरु से विशेष प्रशिक्षण  
- “वर्किंग टूगेदर टू प्रिवेंट सुसाइड” है इस वर्ष की थीम
 
पटना। वैश्विक स्तर पर आत्महत्या मृत्यु के 10 सबसे प्रमुख कारणों में एक है। पूरे विश्व में हर साल 10 लाख लोगों की मृत्यु आत्महत्या के कारण होती है। अत्यधिक प्रतिस्पर्धा का भाव तथा ऊँची आकांक्षा पूरी न होने पर इंसान अक्सर तनाव का शिकार हो जाता है तथा ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक की सलाह आवश्यक होती है। छोटी- छोटी उपलब्धियों में ख़ुशी की तलाश करने से इंसान तनाव से बचा रहता है तथा मानसिक रूप से स्वस्थ एवं संतुष्ट महसूस करता है। उक्त बातें कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने गुरुवार को शहर के मगध महिला महाविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य पर एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन के दौरान कही।
 
कार्यशाला का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्या डा. शशि शर्मा, बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, मानसिक स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. एन.के.सिन्हा एवं आई.जी.आई.एम्.एस के मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया।
   
कार्यपालक निदेशक ने बताया मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा एवं सेवा में मानसिक चिकित्सक एवं प्रशिक्षित परिचारिकाओं की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार द्वारा नयी पहल की गयी है। ऐसे सामान्य चिकित्सक जिनकी योग्यता कम से कम एमबीबीएस हो एवं परिचारिका जिनकी योग्यता कम से कम जी.एन.एम हो उन्हें निम्हांस बेंगलुरु के कुशल प्रशिक्षकों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा एवं सेवा में ऑनसाईट एवं 11 माह का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अभी तक निम्हांस बेंगलुरु द्वारा कुल 21 सामान्य चिकित्सक, 10 क्लिनिकल साईक्लोजिस्ट एवं 29 परिचारिकाओं को मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा एवं सेवा में प्रशिक्षण दिया गया।    
 
इस अवसर पर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी  मानसिक स्वास्थ्य डा. एन.के.सिन्हा ने बताया राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015 में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्वप्रथम राज्य के 11 जिले बांका, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, कैमूर, बक्सर, रोहतास, मुजफ्फरपुर, पुर्णिया एवं जमुई में किया गया तथा 2019-20 में 20 अन्य जिले गया, भागलपुर, अररिया, बेगुसराय, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, समस्तीपुर, सरन, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, औरंगाबाद, नवादा एवं मुंगेर मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया जाना है। 
 
इसके लिए जिला स्तर पर जिला अस्पताल में ओपीडी एवं काउंसिलइंग की व्यवस्था के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी औषधियों की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है एवं इस कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाली अन्य सुविधाओं हेतु सरकार प्रयासरत है। उन्होंने बताया 11 जिले के मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में वर्ष 2015 से जून 2019 तक OPD में कुल 45745 मानसिक रोगियों की पहचान की गयी एवं इन सभी को परामर्श के साथ साथ उपचार भी किया गया।      
 
इस परेशानियों को न करें नजर अंदाज
• हमेशा दुखी, तनाव ग्रस्त, खालीपन, निराश महसूस करना
• अपराध बोध से ग्रसित होना और स्वयं को नाकाबिल समझना
• आत्महत्या का विचार आना, लगातार चिड़चिड़ापन
• स्फूर्ति में कमी और थकान महसूस करना
• सेक्स के प्रति अनिच्‍छा, भूख कम या अधिक लगना
• किसी से बात करने का मन न होना और अकले रहने की इच्‍छा
• एकाग्रता और याददाश्त में कमी, निर्णय लेने में परेशानी
• अकारण सिर दर्द, पाचन में कमी और शरीर में दर्द
 
इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य समिति के अधिकारीगण एवं महाविद्यालय की शिक्षिकाओं के अलावा महाविद्यालय की छात्राएँ उपस्थित थीं।
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