बिहार : छपरा के मढौरा में पुलिस व अपराधियों में मुठभेड़, दाराेगा मिथिलेश व सिपाही शहीद, एक पटना रेफर
छपरा।
बिहार में छपरा के मढौरा में पुलिस और अपराधियों के बीच मंगलवार को हुए मुठभेड़ (Encounter) में एक दारोगा और एक सिपाही शहीद हो गए। घटना एलआईसी ऑफिस के समीप की है। बताया गया है कि अपराधी अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर बोलेरो से घूम रहे थे। एसआईटी की टीम ने उन्हें रोका तभी अचानक अपराधियों ने एसआईटी की स्कॉर्पियो गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। दारोगा मिथिलेश कुमार की मौके पर मौत हो गई। जबकि कांस्टेबल की मौत अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गई है। जबकि एक अन्य काउंटेबल को नाजुक स्थित में सदर अस्पताल से पीएमसीएच रेफर किया गया है।
फायरिंग में दारोगा मिथिलेश कुमार को गोली लगी और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। उनके साथ ही सिपाही फारूक अहमद और संजीव कुमार भी जख्मी हुए। जिसमें फारूक अहमद की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही बड़ी अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं। हालांकि कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
जिसमें दारोगा मिथिलेश कुमार साह और हवलदार फारुख आलम शहीद हो गए। दारोगा और हवलदार को आधा दर्जन से अधिक गोलियां लगी हैं। गंभीर रूप से घायल सिपाही रजनीश कुमार को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच, पटना रेफर किया गया है। घटना मंगलवार की शाम करीब सात बजे की है। शहीद दारोगा आरा तो शहीद सिपाही सहरसा के रहनेवाले थे।
पहले से घात लगाए थे अपराधी
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि छपरा के गड़खा थाना क्षेत्र में डकैती की घटना हुई थी, जिसकी जांच के लिए एसआइटी गठित की गई थी। यह टीम एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर लौटी थी। इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए जा रही थी, उसी दौरान अपराधियों ने मढ़ौरा में पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार अपराधी पहले से घात लगाए बैठे थे। मिथिलेश की पहचान जिले के तेजतर्रार दारोगा में थी। सिवान और सारण दोनों ही जिलों में उन्होंने अपराधियों के छक्के छुड़ाए थे। घटनास्थल पर डीआइजी विजय कुमार वर्मा और एसपी हरकिशोर राय तत्काल पहुंच कर तफ्तीश कर रहे हैं।
दो स्कॉर्पियो पर सवार थे अपराधी, यूपी की ओर भागे
एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार अपराधी दो स्कॉर्पियो पर सवार थे। एक गाड़ी पर सवार अपराधियों ने ओवरटेक कर पुलिस की बोलेरो को आगे से घेर फायरिंग शुरू कर दी। दूसरी स्कॉर्पियो पर सवार बदमाशों ने बोलेरो पर पीछे से फायरिंग की। दोनों स्कार्पियो मढ़ौरा से छपरा की ओर आ रही थी। ऐसा अंदेशा है कि अपराधियों के एसआइटी के मूवमेंट की पूरी जानकारी थी। शहीद दारोगा भोजपुर की पिरौंटा पंचायत के नागोपुर के रहनेवाले थे। इस समय उनका परिवार पुरानी पुलिस लाइन के पास रहता है, जबकि शहीद हवलदार फारूख आलम का पैतृक घर सहरसा जिले में है। डीआइजी विजय कुमार वर्मा के अनुसार करीब 10 मिनट तक अपराधी फायरिंग करते रहे। पुलिसकर्मी अभी पोजीशन भी नहीं ले पाए थे कि हमला हो गया।
कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जिले के एक नेता के रिश्तेदार की हत्या की साजिश रची गई थी। जिसकी सूचना पर पुलिस ने अपराधियों के धरपकड़ लिए जाल बिछाया था।