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बिहार
एनएमसी बिल का विरोध: हड़ताल पर चले गये चिकित्सक, मरीजों को हो रही परेशानी
By Deshwani | Publish Date: 31/7/2019 3:12:34 PM
एनएमसी बिल का विरोध: हड़ताल पर चले गये चिकित्सक, मरीजों को हो रही परेशानी

पटना। लोकसभा में पारित हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक 2019 के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में आज प्रदेश के करीब 12 हजार चिकित्सक शामिल हो गए। बिहार आईएमए के सचिव डॉ. ब्रजनंदन कुमार ने कहा कि एनएमसी विधेयक के विरोध में आईएमए के आह्वान पर बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल में राज्य के करीब 12 हजार चिकित्सक शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक बुधवार सुबह छह बजे से गुरुवार सुबह छह बजे तक हड़ताल पर रहेंगे।

 
उन्होंने ने कहा कि इस विधेयक में किए गए प्रावधान चिकित्सकों के साथ ही आम आदमी की स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में किए गए प्रावधान में साढ़े तीन लाख जूनियर डॉक्टरों को प्रैक्टिस की अनुमति मिल जाएगी। इस विधेयक से नीम हकीम भी चिकित्सक बन जाएंगे। निजी क्षेत्र के चिकित्सा महाविद्वालय अब अपनी मर्जी से शुल्क तय कर सकेंगे। गरीब बच्चों का पढ़ना मुश्किल हो जाएगा और इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार देश में चिकित्सकों की कमी के नाम पर नीमहकिमी थोपना चाहती है।
 
बिहार आईएमए के सचिव ने कहा कि विधेयक के अन्य प्रावधान मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक चिकित्सा महाविद्वालयों की शुल्क संरचना में असंगति उत्पन्न करेगा। एनएमसी को केवल 50 प्रतिशत सीट के लिए ही शुल्क संरचना निर्धारित करने का अधिकार होगा जबिक शेष 50 प्रतिशत सीटों के लिए शुल्क संरचना तय करने का अधिकार निजी महाविद्वालयों को होगा, जो विद्यार्थियों के लिए न्यायसंगत नहीं है।
 
कुमार ने कहा कि विधेयक में एनएमसी में चुनाव कराने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। आयोग के सभी पदों को नियुक्तियों के द्वारा भरा जाएगा। इससे एनएमसी में राजनेताओं और नौकरशाहों को नियुक्त करने की खुली छूट मिल जाएगी। वहीं, पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल का पीएमसीएच की ओपीडी सेवा आंशिक रूप से प्रभावित है जबकि आपात सेवा को हड़ताल से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि ओपीडी में मरीजों का निबंधन किया जा रहा है। साथ ही अस्पताल में उनका इलाज भी किया जा रहा है।
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