ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
एईएस से बच्चों की मौत दुखद, सामाजिक-आर्थिक सवेक्षण की रिपोर्ट होगी सार्वजनिक: मुख्यमंत्री नीतीश
By Deshwani | Publish Date: 2/7/2019 6:09:16 PM
एईएस से बच्चों की मौत दुखद, सामाजिक-आर्थिक सवेक्षण की रिपोर्ट होगी सार्वजनिक: मुख्यमंत्री नीतीश

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत को दुखद और चिंतित करने वाली घटना बताया। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण कराकर इस रिपोर्ट को सार्वजिनक किया जाएगा। 

 
मुख्यमंत्री ने आज विधान परिषद में बच्चों की मौत पर राजद के दिलीप राय और कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा के ध्यानाकर्षण सूचना पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के जवाब के बाद कहा कि सरकार सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर इस बीमारी पर काबू पाने के लिए कार्य योजना तैयार करेगी। साथ ही लोगों में जागरूकता बढ़ाकर इसे नियंत्रित करने की कोशिश भी की जा रही है। एईएस से पिछले कुछ दिनों में बच्चों की जो मौत हुई हैं उसके प्रति हम सिर्फ शोक प्रकट नहीं कर सकते हैं। यह बहुत गंभीर मामला है।
 
नीतीश ने कहा सोशियो इकोनॉमिक सर्वे के बाद सभी जरूरतमंद परिवारों को सरकार मदद देगी, जिससे बच्चे चमकी बुखार से बच सकें। उन्होंने कहा कि गरीबी से चमकी बुखार का नाता है। कई ऐसे परिवार सामने आए हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं। ऐसे परिवारों को सर्वे में चिह्नित किया जा रहा है। ऐसे परिवार जिन्हें अभी तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है, उन पर सरकार का ध्यान है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को 60 हजार से 1 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी ताकि वे छोटा-मोटा काम शुरू कर सकें। 
 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद इस प्रकार की बीमारी से मौत का सिलसिला चल रहा है। बीमारी का क्या कारण है, इस संबंध में विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है और कोई इस पर एकमत नहीं है। इसके कारण उन्होंने काफी पहले ही कहा था कि मामले में ठोस नतीजे तक पहुंचने के लिए विशेषज्ञों की एक संयुक्त कमेटी बनानी चाहिए। इस विशेषज्ञ कमेटी की जो राय बने उस पर कार्रवाई हो।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS