पप्पू यादव 25 को एसकेएमसीएच के सामने करेंगे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सह सत्याग्रह
पटना। रंजन सिन्हा।
जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक सह पूर्व सांसद पप्पू यादव आगामी 25 जून से मुजफ्फरपुर में जापानी इंसेफ्लाइटिस से मृत बच्चों के लिए न्याय व पीडि़त बच्चों के इलाज की मांग को लेकर एसकेएमसीएच में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सह सत्याग्रह करेंगे। इसकी जानकारी आज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी। इस दौरान उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन पर भी जमकर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री
से सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए विमर्श करने का आग्रह किया।
प्रेमचंद सिंह ने पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा कि जापानी इंसेफ्लाइटिस प्रदेश के लिए बेहद गंभीर मामला हैं, इसलिए पार्टी प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री से मांग करती है कि अविलंब इस समस्या को प्राकृतिक आपदा व महामारी घोषित किया जाय। इस बीमारी से पीडि़त बच्चों के बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की व्यवस्था, PICU, ICU की व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि पार्टी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जानना चाहती है कि जब AES महामारी के रूप ले चुकी है, तब इससे पीडि़त बच्चों को बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाकर इलाज नहीं करा सकते हैं क्या ?
उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या देश इस बीमारी से पीडि़त बच्चों को मुजफ्फरपुर से दिल्ली ले जाकर इलाज कराने में सक्षम नहीं है? पार्टी का मानना है कि ऐसा संभव है, लेकिन प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री में इसके लिए इचछाशक्ति का आभाव है। नेता जब वोट के लिए अरबों खर्च कर लोकलुभावन योजनाएं ला सकते हैं, तो क्या उसी वोटर के नन्हें मुन्ने नौनिहाल बच्चों को बचाने का दायित्व नहीं है ? क्या मासूम बच्चों को बचाने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट के तहत हमारा कोई बजट नहीं हो सकता? प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी योग से ज्यादा निरोग होना जरूरी है और इसलिए अभी बिहार के बीमार लोगों निरोग करना ज्यादा जरूरी है। भूख, कुपोषण के शिकार बच्चों, भरपेट भोजन और संतुलित आहर इन बच्चों के बदले इन्हें योग के बहाने मिनिरल और विटामिन खिलाने चले हैं।
उन्होंने सत्ता और विपक्ष के नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि आप मुजफ्फरपुर बच्चों को देखने जरूर जायें, लेकिन जिस तरह आपने समाज और राजनीति में संक्रमण फैलाने का काम किया है, उस तरह से इस बार इन बच्चों पर संक्रमित बयान देने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि जब 1995 से प्रदेश में इस बीमारी से बच्चे मर रहे थे, तब सत्ता और विपक्ष ने इनकी सुध नहीं ली। आखिर पप्पू यादव ही क्यों इस राज्य के पक्ष और विपक्ष के नेताओं की आंख, कान और जुबान बनते हैं? यदि पप्पू यादव मुजफ्फरपुर नहीं जाते तो मीडिया के लाख चिल्लाने के बावजूद सत्ता – विपक्ष संवेदनशीलता कुंद रहती। उन्होंने ऐसे कर्मचारियों को भी अविलंब चिन्हित कर बर्खास्तगी की मांग की, जिन्हें इंसेंफ्लाइटिस से जागरूकता लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वे असफल रहे।