'चमकी' बुखार का कहर, अब तक 34 बच्चों की मौत, मंगलवार को नौ की गयी जान, 23 अस्पताल में एडमिट
मुजफ्फरपुर/समस्तीपुर/वैशाली। चमकी बुखार ने मुजफ्फरपुर के अलाव अन्य जिलों में भी पांव पसारना शुरू कर दिया है। इससे मुजफ्फरपुर में पांच, समस्तीपुर में दो व वैशाली में दो बच्चों की मौत हो गयी। सूत्रों अनुसार, एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में मंगलवार को पांच बच्चों ने दम तोड़ दिया, जबकि 23 बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। हालांकि यह सभी मौतें उन बच्चों का हुआ है, जिनका इलाज चार दिन पहले से किया जा रहा था। इसमें चार बच्चे की मौत एसकेएमसीएच में हुई है, जबकि एक बच्चे की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई हैं।
वही एसकेएमसीएच में 15 व केजरीवाल अस्पताल में आठ बच्चे भर्ती हुए हैं। वहीं, समस्तीपुर में सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सोमवार को बुखार की शिकायत पर भर्ती कराये गये दो बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गयी है़। मृत बच्चों में एक की पहचान महमदा पूसा निवासी राजेश पासवान की पुत्री अन्नू कुमारी (चार) एवं दूसरे की पहचान कल्याणपुर अंजना निवासी रामानंद महतो के पांच वर्षीय पुत्र राहुल कुमार के रूप में की गयी है़।
इन बच्चों के परिजनों ने बच्चों में बीमारी के जो लक्षण बताये हैं, उससे चमकी बुखार की आशंका जतायी जा रही है़। वहीं, वैशाली के भगवानपुर थाना क्षेत्र के हरिवंशपुर गांव में चमकी बुखार से दो बच्चों मौत हो गयी है। एइएस से सूरज सहनी के एक वर्षीय पुत्र सोनम कुमार व राजेश्वर मांझी की 10 वर्षीया पुत्री सनिया कुमारी की मौत के बाद गांव के लोग दहशत में हैं। पिछले 72 घंटे के अंदर भगवानपुर के हरिवंशपुर पश्चिमी टोले में छह एवं खिरखौआ गांव में एक बच्चे सहित सात बच्चों की मौत हो चुकी है।
डॉ नैयर, डॉ राखी, डॉ अनामिका, डॉ अमित रंजन व डॉ पूजा कुमारी गांव में कैंप कर रही है। मेडिकल टीम के सदस्यों ने बताया कि चमकी बुखार से बचाव के लिए 120 परिवारों के बीच ओआरएस, पैरासीटामोल, पीसीएम संस्पेंस एवं इथ्रोलाइसीन नामक दवा का विवरण किया गया है। वहीं, सिविल सर्जन ने बताया है कि बच्चों की मौत किस बीमारी से हुई है, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।
मुजफ्फरपुर में अब तक 34 बच्चे मरे : निदेशक प्रमुख
निदेशक प्रमुख डॉ आरडी रंजन, राज्य वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ एमपी शर्मा व राज्य जेई एईएस के नोडल समन्वयक संजय कुमार एसकेएमसीएच में पहुंचे और का जायजा लिया। निदेशक प्रमुख ने बताया कि अब तक 109 बच्चे चमकी तेज बुखार से पीड़ित हुए हैं। यह आंकड़ा जनवरी से 10 जून तक है। अब तक मरने वालों की संख्या 34 है।
इसके बाद भी पीड़ित व मरने वाले संख्या का सही आकलन किया गया है। जेइ के चार पीड़ित मरीज मिले है। किसी इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत नहीं हुई, जो भी बच्चे मरे है उनमें हाइपोग्लेसिमिया, सोडियम पोटाशियम की कमी थी। तेज धूप के साथ आर्द्रता इसमें बहुत बड़ा कारण है।