बेतिया। अवधेश कुमार शर्मा। इन दिनों पश्चिम चम्पारण जिला के विभिन्न थाना क्षेत्रों में एक नंबर या लॉटरी का गोरख धंधा चलाने वाले माफियाओं का साम्राज्य कायम हो गया है। उन्हें पुलिस, जिला प्रशासन, शासन एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि का कोई ख़ौफ़ नहीं है। एक नम्बरी लॉटरी संचालकों पर लगाम लगाने में शासन व प्रशासन लाचार दिख रहा हैं। इस खेल में प्रतिदिन लाखों बेरोजगार युवक भविष्य आजमाने में माता पिता की गाढ़ी कमाई को लूटा रहे हैं।
इस खेल में माफिया बेरोजगार युवकों को दोगुनी राशि देने का लालच देकर लूट रहें हैं। इस खेल में एक नंबर से लेकर 9 तक का नंबर अंकित रहता है। जिस नंबर पर बेरोजगार युवक अधिक बोली लगाते है। उसके दबाकर, कम बोली लगाने वाले अंको को प्रकाशित किया जाता है। उसी में कुछ युवकों को लॉटरी का इनाम दे दिया जाता है, जिससे अन्य युवकों में उत्साह बनी रहे। शेष अंक प्रदर्शित किए जाते हैं, जिनके नंबरों पर कम बोली लगी होती है, लॉटरी संचालक लॉटरी की उन नम्बरों को हजम कर लेते हैं, इस प्रकार एक अंक के लॉटरी संचालक माफियाओं को लगभग प्रतिदिन की लाखों रुपए आमदनी हो रही है और हजारे रुपयों की संख्या में बेरोजगार युवक कंगाल हो रहे हैं।
इतना ही नहीं रुपये की बढ़त और आमदनी के मद्देनजर बेरोजगार इस खेल में फंसते ही चले जाते हैं। माफियाओं के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इस खेल में पुलिस, प्रशासन, नेता व तथाकथित पत्रकार भी शामिल है। जिन्हें ये माफिया कुछ बंधी बंधाई रकम प्रति सप्ताह भुगतान करते हैं। जिसके कारण हालात यह कि मानो कोई कुछ जानता ही नहीं। विचारणीय यह है कि आखिर इस खेल पर शिकंजा कसेगा कौन? आखिर कब तक बेरोजगार अपने माता-पिता के गाड़ी कमाई को यूं ही लूटाते रहेंगे? इस खेल में मीना बाजार के कावेरी होटल के सामने वाली चाय की दुकान और चावलहट्टा (चावल बाज़ार) के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर है।
एक पीड़ित युवक जो बाहर से पढ़ने बेतिया आया और बर्बाद होकर अपने गांव लौटने के क्रम में बताया कि इस कारोबार का मुख्यालय मीना बाज़ार में है। इतना ही नहीं, इसके तार बेतिया शहर के विभिन्न प्रमुख गलियों, चौक चौराहे, जैसे पावर हाउस चौक, मिसकार टोली, मीना बाजार का सब्जी मंडी, गुलाब बाग के कुछ गली, मोहर्रम चौक, सागर पोखरा, बस स्टैंड, स्टेशन चौक, मित्रा चौक, संत घाट, गंडक कॉलोनी चौक, आलोक भारती चौक और दुर्गाबाग में आजकल खूब यहां एक नंबर या लॉटरी या चल रहा है। एक नंबर या लॉटरी का खेल बदस्तूर जारी है, क्षेत्रीय लोग जब उस पर रोक लगाने की पहल करते हैं, तो उन्हें माफियाओं के गुर्गे देख लेने तथा जान से मार देने तक की धमकी दे डालते हैं।
ये तो रही जिला मुख्यालय की बात कमोबेश यही हालात पूरे जिला की है। इस बावत पत्रकार की बात सुनने की फुर्सत व्यस्त पुलिस कप्तान को नहीं है।