बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला के मैनाटांड प्रखंड क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टरों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन झोलाछाप डॉक्टरों के कारण मरीजों की जान सासत में है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग आखें मूंदे बैठा है। विभाग की अनदेखी के कारण झोलाछाप डाक्टर चादी कूट रहे है। प्रत्येक गाव में कई-कई झोलाछाप डाक्टर लोगों को दवाएं दे चांदी कूट रहे हैं। यह धंधा इतना चंगा हो गया है कि लोग धड़ल्ले से इस व्यवसाय में एंट्री कर रहे है।
गावों में इस प्रकार के झोलाछाप डाक्टर सरेआम क्लीनिक चलाकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। गाँवों में यह धंधा इतना फल फुल रहा है कि क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के दावों की कलई खुल जा रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण जिला के अन्य प्रखण्ड के साथ मैनाटांड व अन्य गांवों में इनरवा, सकरौल, झझरी, पिडारी, भंगहा, बेहरी कोलनी, रामपुर मिशन, कोटवा, बंगाली कोलनी में स्थित सभी झोलाछाप कर्मी स्वास्थ्य विभाग को चकमा दे रहा हैं। बोर्ड पर डिग्री किसी दूसरे डॉक्टर का दिखाया जा रहा है और अंदर कोई दूसरा झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहा है। ये झोलाछाप डॉक्टर नकली दवाओं के साथ इलाज कर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है।
बताया जा रहा है कि कई दवा के दुकान में नशे के व्यापार भी किया जाता हैं। गावों में चल रहे ये क्लीनिक नशेड़ियों की पौध को पैदा करने में जुटे हुए है। प्रशासन को जानकारी के बावजूद इन पर नकेल कसने की कोई कार्रवाई अंजाम नहीं दी जा रही है।
धंधा है चंगा,स्वास्थ्य विभाग नंगा
इस धंधे से जुड़े लोग लोगों की गाढ़ी कमाई को चुस रहे हैं। गावों में यह धंधा शुरू करने वाले लोग चंद दिनों में ही अमीर हो रहे हैं। दो नंबर के इस काम में ये लोग मोटी कमाई करते हैं। यह धधा इतना चंगा है कि कुछ लोग जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले पद पाकर भी इस धंधे का मोह नही छोड़ पाते। मैनाटाड प्रखंड व इसके आसपास के कई गावों में भी ऐसे ही धंधा चला रहा है। फर्जी दस्तावेज के साथ लोगों के साथ स्वास्थ्य विभाग का बेवकूफ बना रहा है। बताया जा रहा है कि ऐसे ही न जाने कितने झोलाछाप है जो फर्जी डिग्री व डिप्लोमा के आधार पर प्रशासन की आंखों धूल झोंक रहे है। प्रबुद्धजनों का कहना है कि विभाग नंगा और यह धंधा चंगा है।