मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखण्ड ग्रीन ज़ोन में शामिल, विद्युत ट्रेन का परिचालन प्रारंभ
बेतिया।अवधेश कुमार शर्मा। पश्चिमोत्तर बिहार स्थित चम्पारण क्षेत्र के विकास में स्वतंत्रता के पूर्व व पश्चात भारतीय रेल का अमूल्य योगदान रहा है। मुजफ्फरपुर से मदनपुर रोड वाया सगौली, नरकटियागंज 204 किलोमीटर के रेलखंड में गुरूवार से विद्युतीय ट्रेन का परिचालन प्रारम्भ हो गया।
वर्षों से भारतीय रेल के अधिकारियों व कर्मचारियों के कर्तव्य निष्ठा से मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखण्ड को ग्रीन बेल्ट में शुक्रवार 31 मई 2019 को शामिल कर लिया है। आजादी के 72 वर्ष मेंं अनवरत किये गए कार्य से केवल डेढ़ वर्ष में मुजफ्फरपुर से वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन के बीच 204 किलोमीटर लंबे रेलखण्ड पर रेलवे ने गुरुवार से इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया। 30 मई 19 को देश की राजधानी दिल्ली में नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ और मुजफ्फरपुर नरकटियागंज गोरखपुर रेलखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन जैसा ऐतिहासिक कार्य संपन्न हुआ।
उपर्युक्त रेलखण्ड का विद्युतीकरण होने के उपरान्त प्रथम चरण में पांच जोड़ी ट्रेन अप और डाउन एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें गुरुवार से पटरियों पर विद्युुुत शक्ति से दौड़ने लगी है। जिसमें सप्तक्रांति 12557-58 अप डाउन, गरीबरथ 12211-12 अप डाउन, सत्याग्रह 15273-74 अप डाउन, इंटरसिटी 15201-02 अप डाउन, पूर्वांचल 15051-52 अप डाउन ट्रेन शामिल हैं। इसके अलावा तीन से चार जोड़ी पैसेंजर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का भी इस रेलखण्ड पर परिचालन किया जाएगा।
सप्तक्रांति एक्सप्रेस 12558 पहली ट्रेन बनी जो गोरखपुर से विद्युत इंजन के साथ बिहार के पश्चिम चम्पारण में आई। इस ऐतिहासिक घड़ी प्रत्यक्षदर्शी व सहभागी बने सभी यात्री, चालक, सह चालक और उपस्थित जनसमूह और टीटीई।
उपर्युक्त विद्युतीकरण कार्य 3 अरब 77 करोड़ लागत से सम्पन्न हुआ है। 204 किमी लंबे रेलखण्ड पर विद्युतीय ट्रेनों के परिचालन के साथ चम्पारण क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में शामिल हो गया। इस कार्य से जिला ही नही अपितु पूरे क्षेत्र उत्साह का माहौल है। किसी ने कल्पना तक नहीं किया कि इस रेलखण्ड पर अतिशीघ्र विद्युतीकरण और विद्युतीय ट्रेन का परिचालन अतिशीघ्र होगा। चम्पारण की जनता भारतीय रेलवे की इस सौगात को लेकर सरकार की सराहना कर रही है।