बिल्टी थी भूसी की, जांच में निकली 36.5 लाख की प्रतिबंधित चाइनिज मटर, इस तरह लाए जा सकते हैं आर्म्स भी?
रक्सौल। अनिल कुमार।
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 47 वीं बटालियन के हवाई अड्डा कैम्प के जवानों ने 2 ट्रक प्रतिबंधित चाइनिज मटर को जब्त किया है।
आश्चर्यजनक तो यह कि दोनों ट्रकों के कागजात पर भूसी लिखा हुआ था। जांच करने पर भूसी के अंदर प्रतिबंधित चाइनिज मटर निकली।
इस घटना पर एसएसबी इंस्पेक्टर ने नेपाल से भारत आने के लिए आईपीसी जांच पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि जांच में इस तरह की असावधानी से भूसी के नाम पर नारकोटिक्स, विस्फोटक व आर्म्स भी भारत में लाए जा सकते हैं।
दो ट्रकाें पर लदे चाइनिज मटर के साथ मे दो ड्राइवर भी पकड़ा गया है।गिरफ्तार ड्राइवर में एक का नाम नूर अख्तर पता चड़वा रघुनाथपुर व दूसरे का नाम रफी अहमद पता बेला रामगढ़वा है।
इस बरामदगी से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाने की बात सामने तो आयी ही है। दूसरी ओर सुरक्षा पर भी सेंध मारने का सवाल खड़ा हो गया है। सबसे पहले बता दें कि एसएसबी ने रक्सौल बायपास रोड से बीआर 06 जी 2838 व एमपी 09 एचएफ 8909 नम्बर की ट्रक को पकड़ा है, जो नेपाल से माल लोड कर भारतीय इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट द्वारा पास होकर रामगढ़वा जा रहा था। जिसकी जानकारी देते हुए कमांडेंट प्रियवर्त शर्मा ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त ट्रक पर अवैध समान जा रहा है।
जब अधिकारी व जवानों द्वारा उक्त ट्रकों को रोक कर कागजात माँगी गयी तो ट्रक के चालकों ने बिल्टी दिखाई। उसकी बिल्टी में भूसी लिखा गया था। जब ट्रकों की जाँच की गयी तो पहले तो भूसी ही मिली, जबकि अंदर की तलाशी ली गयी तो सबके होश उड़ गये। उसके अंदर से भारत में प्रतिबंधित आइटम चाइनिज सफेद मटर व हरा मटर मिला। पहले ट्रक से 300 बोरा सफेद मटर, 100 बोरा हरा मटर एवं 150 बोरी भूसी एवं दूसरे ट्रक से 150 बोरा भूसी व करीब 400 बोरा मटर जब्त किया गया है। जिसकी अनुमानित कीमत 36 लाख 26 हजार सात सौ आंकी गई है । उक्त प्रतिबंधित मटर नेपाल के परवानीपुर स्थित नारायणी दाल मिल से लोडिंग हुआ था जो रामगढ़वा के जय माँ विन्ध्वासिनी ट्रेडिंग में ले जाया जा रहा था। यह माल किसी मुन्ना ओझा का बताया जा रहा है।
वहीं एसएसबी के इंस्पेक्टर अविनाश का कहना है कि ट्रक के अंदर कुछ भी हो सकता था। अब सवाल यह है कि भारत के दूसरे सबसे बड़े चेक पोस्ट से ऐसे अवैध सामान कैसे आ गया? क्या यह माल आईसीपी के अधिकारियों की मिलीभगत से पास होकर नेपाल से भारत में आया या फिर किसी कारणवश पूरे माल की जाँच नहीं की गई। कहा कि कहीं न कहीं जांच में असावधानी तो जरूर बरती गई है।
खैर कारण जो भी हो, परन्तु अगर कहीं मटर के बदले कोई नारकोटिक्स, हथियार, आरडीएक्स या जाली नोट का खेप होता और वह भारत में प्रवेश कर जाता तो अंजाम क्या होता? इसके जिम्मेवार कौन होते ? अभी हाल में ही नेपाल में 7 करोड़ से अधिक भारतीय जाली करेंसी जब्त हुई है। जिससे खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हैं। बहरहाल इसकी उच्चस्तरीय जाँच की जरूरत है।