सीवान लोकसभा सीट पर दो बाहुबलियों की पत्नी के बीच दिलचस्प मुकाबला, आरजेडी-जेडीयू के बीच सीधी टक्कर
पटना। बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दशकों से बाहुबलियों की अपनी खास पहचान रही है। दीगर बात है कि इन दिनों बाहुबलियों की अनुपस्थिति या राजनीति में छद्म शुचिता के कारण उनका स्थान उनकी पत्नियों ने ले रखा है।
इस लोकसभा चुनाव में भी कई बाहुबलियों की पत्नियां चुनावी अखाड़े में खम ठोंक रही हैं। सीवान एक ऐसा लोकसभा क्षेत्र है, जहां से दो बाहुबलियों की पत्नियां आमने-सामने हैं। ऐसे में सीवान का मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है, जिस पर सिर्फ बिहार की नहीं बल्कि देश की भी नजर है।
सीवान लोकसभा सीट पर एनडीए से जेडीयू के टिकट पर दरौंधा की विधायक और बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह का मुकाबला पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता मो शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से हैं, जो आरजेडी प्रत्याशी हैं। सार्वजनिक जीवन में हीना शहाब सामान्यत: बुर्के में नजर आती हैं। दूसरी ओर, जेडीयू प्रत्याशी के पति अजय सिंह सीवान में हिंदू युवा वाहिनी के प्रमुख हैं। इस कारण यहां चुनाव प्रचार में 'भगवा बनाम बुर्का' की चर्चा है।
सीवान में यादव-राजपूत जातियों और मुस्लिम समुदाय का खासा प्रभाव है। हालांकि, इस बार चुनाव परिणाम पर अति पिछड़ी जातियों का प्रभाव पड़ने की संभावना है। अजय सिंह पत्नी के समर्थन में चुनाव प्रचार के दौरान हिना के बुर्के, मो शहाबुद्दीन की आपराधिक छवि और पाकिस्तान की बातें भी करते रहे हैं। हालांकि, स्वयं अजय सिंह की छवि एक बाहुबली की है और उन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
कविता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारों के विकास कार्यों के आधार पर वोट मांग रही हैं। वहीं, हिना शहाब सीवान की 'बेटी-बहू' होने के नाते वोट मांग रही हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में सीवान सीट एनडीए के खाते में गयी थी। लेकिन, इस बार कविता सिंह की राह आसान नहीं दिख रही। इस सीट पर वर्तमान सांसद बीजेपी के ओमप्रकाश यादव हैं। एनडीए में सीटों के बंटवारे के तहत इस बार यह सीट जेडीयू के खाते में गयी है। ऐसे में ओमप्रकाश यादव एवं उनके समर्थकों का पूरा सहयोग कविता सिंह को मिलेगा, इस बारे में संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
आरजेडी की हिना शहाब पहले दो बार लोकसभा चुनाव में नाकाम रहीं हैं। उन्हें अपने पति मो शहाबुद्दीन की बाहुबली छवि की भरपाई करने में काफी चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है। विरोधी अपने चुनाव प्रचार में शहाबुद्दीन के दौर के सीवान का जिक्र करना नहीं भूल रहे हैं।
राजनीति के अपराधीकरण एवं इस बारे में विरोधियों के आरोप के बारे में पूछे जाने पर हिना शहाब कहती हैं, 'यह आरोप सीधे-सीधे हमारे परिवार पर लगता है। जब लालू यादव की सरकार बनी थी, तब कहा जाता था कि बिहार में जंगलराज है। आज केंद्र और कई राज्यों में एनडीए की सरकार है, लेकिन आये दिन हत्याएं हो रही हैं, भ्रष्टाचार चरम पर है।'
हिना पलटकर सवाल करती हैं, 'क्या आज समाज अपराधमुक्त हो गया है?' इस बारे में उनकी प्रतिद्वंदी कविता सिंह का कहना है, 'जिन लोगों के कारनामों से डॉ राजेंद्र प्रसाद (देश के पहले राष्ट्रपति) की भूमि सीवान रक्तरंजित हुई, उन्हें जनता बार-बार ठुकरा चुकी है।' बाबू राजेंद्र प्रसाद का जन्म जीरादेई में हुआ था, जो वर्तमान में सीवान जिले में आता है।
बहरहाल, सभी दल मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। इस चुनाव में सीवान से कुल 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जो जीतने नहीं तो वोट काटने की स्थिति में माने जाते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि दोनों गठबंधनों के लिए चुनाव तक अपने वोटबैंक को सुरक्षित रखने की चुनौती है।
इस क्षेत्र में छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होना है, जबकि परिणाम 23 मई को घोषित किए जाएंगे।