बिहार
दारोगा और वार्डन की नियुक्ति में गर्भवती महिला उम्मीदवारों को कोर्ट से नहीं मिली राहत
By Deshwani | Publish Date: 1/3/2019 6:10:46 PMपटना। पटना हाईकोर्ट ने आज अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि राज्य में दारोगा और वार्डन की बहाली में गर्भवती महिला उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षा में कोई छूट नहीं दी जायेगी।
मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर अपील पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। खंडपीठ में इस मामले पर सुनवाई पूरी कर अपना आदेश पहले ही सुरक्षित रख लिया था जिस पर आज अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि यह सरकार पर निर्भर करता है कि अगर वह चाहे तो गर्भवती महिला उम्मीदवारों को इस मामले में मानवीय आधार पर छूट दे सकती है लेकिन ऐसी बात नहीं है की गर्भवती महिला उम्मीदवारों का यह संवैधानिक अधिकार है। खंडपीठ ने यह आदेश बिहार केन्द्रीय सिपाही चयन आयोग की अपील पर सुनाया है।
गर्भवती महिला उम्मीदवारों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ के न्यायाधीश ज्योति शरण ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह गर्भवती महिला उम्मीदवारों की नये सिरे से शारीरिक दक्षता परीक्षा ले। एकल पीठ के इसी आदेश को सिपाही भर्ती आयोग की ओर से हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी गई थी जिस पर यह फैसला आया है।