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बिहार
किसी भी क्षेत्र से 5 घंटे में राजधानी पहुंचने के लक्ष्य पर किया जा रहा है काम: मुख्यमंत्री नीतीश
By Deshwani | Publish Date: 9/2/2019 6:11:40 PM
किसी भी क्षेत्र से 5 घंटे में राजधानी पहुंचने के लक्ष्य पर किया जा रहा है काम: मुख्यमंत्री नीतीश

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में रिमोट के माध्यम से बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति- 2018 के अंतर्गत ग्रामीण पथों के शत-प्रतिशत सतत् नवीकरण एवं अनुरक्षण की योजनाओं का शुभारंभ करने के साथ ही 5254.08 करोड़ रुपये के पथों एवं पुलों का शिलान्यास, कार्यारम्भ एवं उद्घाटन किया। 

 
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि आज 5254.08 करोड़ रुपये की कई योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ एवं उद्घाटन किया गया है, जिसमें 1193 करोड़ रुपये के 1229 पथों एवं 25 पुलों का उद्घाटन किया गया है। 1037 करोड़ रुपये की राशि के 1052 पथों एवं 15 पुलों का कार्यारंभ तथा 3023 करोड़ रुपये की राशि के 2588 पथों एवं 58 पुलों का शिलान्यास किया गया है। 
 
सीएम नीतीश ने कहा कि जिन योजनाओं का आज शिलान्यास कराया गया है, उसका निश्चित समय-सीमा के अंदर कार्यारंभ कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने राज्य के किसी कोने से छह घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है और अब राज्य के किसी भी सुदूर दुर्गम क्षेत्रों से पटना पहुंचने के पांच घंटे के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ इस काम को करने में लगा है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधि रहने के दौरान और यात्रा करने के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति को बेहतर ढंग से समझते हुए एक सार्वभौमिक नीति हमलोगों ने बनायी। हमलोगों का उद्देश्य है कि हर गांव, हर टोलों को पक्की सड़क से जाेड़ा जाये। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से 500 तक की आबादी वाले गांवों को पक्की सड़क से जोड़ा जा रहा है। 250-499 की आबादी वाले गांवों को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के माध्यम से पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। सात निश्चय योजना के अंतर्गत टोला संपर्क योजना के माध्यम से सभी टोलों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। इन टोलों में रहने वाले ज्यादातर लोग अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग के हैं। 
 
नीतीश ने कहा कि बिहार में 89 प्रतिशत आबादी गांव में निवास करती है, जिसमें 76 प्रतिशत की आबादी की आजीविका का आधार कृषि है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने कृषि रोड मैप बनाया, जिससे कृषि की उत्पादकता और उत्पादन दोनों बढ़ा है। फसल, सब्जी, फल, पशुपालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन एवं अन्य ग्रामीण रोजगारों को इसमें बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है। हाल ही में बिहार विकास मिशन की बैठक में इन सब चीजों पर और तेजी से काम करने के लिए विस्तृत एवं गहन समीक्षा की गयी है। सिंचाई को बेहतर बनाने के लिए जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन द्वारा कई योजनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। भूमि एवं राजस्व सुधार विभाग के द्वारा भूमि का सर्वे एवं सेटलमेंट का काम किया जा रहा है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। गांव तक अगर सड़क अच्छी होगी तो किसानों के उत्पादन की कीमत अच्छी मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों के मेंटेनेंस के लिए पहले कुछ सीमित सड़कों के लिए पॉलिसी बनायी गयी थी, अब उसे व्यापक बनाते हुए राज्य की प्रत्येक सड़क के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई गयी है। ओपीआरएमसी में सभी सड़कों को शामिल कराया गया है। सड़को को विस्तृत एवं मजबूत ढंग से बनाया जा रहा है। आज अनुरक्षण नीति के अंतर्गत 250 करोड़ रुपये के मेंटेनेंस योजना का भी शिलान्यास कराया गया है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यालय के स्तर पर एक विकसित तंत्र मजबूत करने की जरूरत है जो माइक्रोलेबल पर इसकी निगरानी कर सके. एक्जीक्यूटिव इंजीनियर भी इसके लिए पूरी निगरानी रखें. सड़कों का निर्माण जितना जरूरी है, उसकी सतत् निगरानी उतनी ही जरूरी है। अभियंतागण जिम्मेवारी लेते हुए पूरी प्रतिबद्धता के साथ अगर बेहतर ढंग से काम करेंगे तो उन्हें खुद भी आत्म संतुष्टि मिलेगी। सड़कें अच्छी रहेंगी तो अभियंताओं का सम्मान बढ़ेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि पूरी निष्ठा के साथ आप सब कामों की गुणवत्ता को बेहतर बनाये रखेंगे और मेंटेनेंस पॉलिसी के लिए तेजी से काम करेंगे। गावों की जरूरत का हम सब ध्यान रखेंगे तो बिहार आगे बढ़ेगा।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार ग्राम पथ अनुरक्षण नीति को लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून से लिंक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन में ही अब लोग लोक सेवा अधिकार कानून, लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के माध्यम से अपना आवेदन दे सकते हैं, उन्हें अब इसके लिए सारी सुविधाएं पंचायत सरकार भवन में ही उपलब्ध होंगी। ग्रामीण स्तर पर सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव संबंधी शिकायत अब कोई भी ग्रामीण कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग जो भी योजनाएं बनाते हैं उसकी राशि का प्रबंध पहले कर लेते हैं। हमलोग बजट और बजट के बाहर भी कर्ज लेते हैं ताकि योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए किसी भी विभाग को संसाधनों की कमी नहीं हो। 
 
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षाें से बिहार डबल डिजिट ग्रोथ से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष का ग्रोथ रेट 11.3 प्रतिशत है. राज्य का जीएसडीपी बढ़ा है, लोगों की आमदनी बढ़ रही है। राज्य के खजाने में पहले से अधिक टैक्स आ रहे हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर, हेल्थ, सोशल सेक्टर, सभी क्षेत्रों के लिए सरकार संसाधन मुहैया करा रही है। विकास के काम राज्य में तेजी से हो रहे हैं। बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां आपदा प्रबंधन के लिए रोड मैप बना है। बिहार के 280 ब्लॉक को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को सहायता दी जा रही है। फसल सहायता योजना, इनपुट सब्सिडी का लाभ भी किसानों को मिल रहा है।
 
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर किया। मुख्यमंत्री ने 10 नवनियुक्त कनीय अभियंताओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान एक लघु वृत्तचित्र को भी प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम को ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के निदेशक चन्द्रशेखर सिंह, ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख प्रवीण कुमार ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारीगण, अभियंतागण, नवनियुक्त अभियंतागण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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