पूर्व मध्य रेल के जीएम पहुंचे घटनास्थल पर, बिहार में 6 साल में तीसरी बार पटरी से उतरी ट्रेन
पटना। सोनपुर मंडल के हाजीपुर-शाहपुर पटोरी रेलखंड के सहदेई बुजुर्ग स्टेशन के पास हुए हादसे के बाद नई दिल्ली से आए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव, सदस्य इंजीनियरिंग विश्वेश चौबे, महानिदेशक रेलवे सुरक्षा बल अरूण कुमार और पूर्व मध्य रेल के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी ने घटना स्थल का जायजा लिया।
फिर सदर अस्पताल हाजीपुर पहुंचकर घायल यात्रियों से मुलाकात की। इससे पहले 12487 जोगबनी आनंद विहार टर्मिनल सीमांचल एक्सप्रेस हादसे के बाद 17 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। दुर्घटना की स्थिति को देखते हुए जीएम ने उम्मीद जताई कि लगभग 24 घंटे में इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन पुनर्बहाल कर दिया जाएगा।
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि सीमांचल एक्सप्रेस के आगे के बचे हुए 12 डिब्बे लगभग 1500 यात्रियों को लेकर दानापुर के लिए रवाना किए गए। वहां से 11 और बोगियों को जोड़कर ट्रेन दिन के 2.20 बजे आनंद विहार टर्मिनल के लिए रवाना कर दिया गया। इस दौरान सभी यात्रियों को खाने के पैकेट, चाय एवं पानी के बोतलें मुहैया करायी गई। स्थानीय लोगों ने भी हर संभव मदद की, जिससे स्थिति नियंत्रित हो पाई।
बिहार में पिछले छह साल में ट्रेन के पटरी से उतरने की यह तीसरी घटना है। 25 जून 2014 को छपरा में डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस के नौ डब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसा रात के सवा 10 बजे हुई थी। 5 यात्रियों की मौत हो गई थी, वहीं 8 घायल हुए थे।
20 दिसंबर 2015 को कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस के सात डब्बे खगड़िया के पसराहा स्टेशन के पास पटरी से उतर गई थी। घटना में यात्रियों को मामूली चोटें आई थीं। इससे पहले 28 सितंबर 2011 को किशनगंज जिले में बड़ा रेल हादसा हुआ था। जिले के अलुवाबाड़ी और मांगूजान स्टेशनों के बीच पेट्रोलियम पदार्थों से लदी मालगाड़ी ट्रेन धू-धूकर जल उठी थी।
दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस कारण पेट्रोल से भरी बोगी में आग लग गई। आग लगी हुई ट्रेन पटरी पर दौड़ रही थी। मांगूजान रेलवे स्टेशन से वहां के स्टेशन प्रबंधक ने मालगाड़ी के डिब्बे में आग लगने की सूचना चालक को दी। इसके बाद मालगाड़ी को रोका गया था और बचाव कार्य शुरू हुआ था। एक टैंकर से फैली आग ने 19 टैंकरों को अपनी चपेट में ले लिया था। घटना में एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी।
बिहार में घटी रेल दुर्घटना पर एक नजर
6 जून 1981 मानसी से सहरसा जा रही ट्रेन की सात बोगियां बागमती में समा गई थीं। 800 लोगों की मौत।
9 सितंबर 2002 औरंगाबाद जिले में हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर कर धावी नदी में जा गिरे। 100 लोगों की मौत हुई।
28 सितंबर 2011 किशनगंज के अलुवाबाड़ी व मांगुजान स्टेशनों के बीच मालगाड़ी में आग लग गई थी। 19 डब्बे जल गए थे। एक व्यक्ति की मौत हुई थी।
26 दिसंबर 2012 सीवान के पंचरुखी के पास तेज रफ्तार से आ रही बाघ एक्सप्रेस यात्रियों से भरी बस से टकरा गई थी। सात लोगों की मौत हुई।
19 अगस्त 2013 धमारा घाट के पास पटना आ रही राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से 37 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
25 जून 2014 छपरा में डिब्रूगढ़ राजधानी के नौ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। 5 लोगों की मौत हो गई थी 8 लोग घायल हुए थे।
8 अगस्त 2014 पूर्वी चंपारण के सुगौली के पास एक ऑटो रिक्शा राप्ती गंगा एक्सप्रेस की चपेट में आ गई। इसमें 20 लोगों की मौत हुई थी।
20 दिसंबर 2015 कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस की सात बोगियां पसराहा स्टेशन के पास पटरी से उतर गई थीं।
23 अक्टूबर 2017 मुंगेर के अदलपुर हॉल्ट के पास एक इंटरसिटी की चपेट में आने से 4 महिलाओं की मौत हो गई थी।