पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से रांची में मुलाकात के बाद महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की पहली औपचारिक बैठक आज होने जा रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर यह मीटिंग होगी।
तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की आज शाम 6 बजे प्रस्तावित इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के शामिल होने की संभावना है।
इस बैठक में महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों को लेकर आपस में चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। इस बैठक में सभी दलों के बीच औपचारिक सहमति बनने के बाद सीट साझेदारी के फॉर्म्युले को मूर्त रूप दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि शनिवार को कुशवाहा, मांझी और शरद यादव रांची जाकर चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात कर चुके हैं। कांग्रेस नेताओं में पार्टी के झारखंड प्रभारी सुबोधकांत सहाय और बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद भी लालू से मिल चुके हैं।
नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) के घटक दलों बीजेपी, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के बीच बिहार में सीट साझेदारी की घोषणा के बाद से सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन लगातार विरोधियों के निशाने पर है। आरजेडी प्रमुख से घटक दलों के नेताओं की मुलाकात के बाद विपक्ष ने राजनीतिक हमले और भी तेज कर दिए हैं। तेजस्वी के आवास पर सोमवार को प्रस्तावित बैठक को महागठबंधन की सीट बंटवारे पर फॉर्म्युला तय कर अपने विरोधियों का मुंह बंद करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
महागठबंधन सूत्रों के अनुसार आरजेडी प्रमुख की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखे जाने के कारण अंतिम तौर में सीट समझौते को उनकी रिहाई तक टाला जा सकता है, लेकिन 14 जनवरी को खरमास खत्म होने के बाद इसको लेकर औपचारिक घोषणा की भी संभावना जताई जा रही है। इस बीच, जीतन राम मांझी के महागठबंधन में सीट बंटवारे में आशा के अनुरूप में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण उनकी एनडीए में वापसी की अटकलों को खारिज किया गया है।
मांझी ने कहा कि लालूजी के खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने उनसे राजनीतिक मामलों पर विस्तृत चर्चा करने से परहेज किया। उन्होंने कहा, 'गठबंधन में सभी घटकों को कुछ बलिदान करने के लिए तैयार रहना होगा। हम लोकसभा सीटों की किसी विशेष संख्या पर जोर नहीं दे रहे हैं, हालांकि हम बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कम से कम 20 में अच्छी स्थिति में हैं, हम महागठबंधन की जीत के लिए काम करेंगे।'