बिहार
CBI को सौंपी जा सकती है बिहार के सभी शेल्टर होम की जांच की जिम्मेदारी, SC में सुनवाई आज
By Deshwani | Publish Date: 28/11/2018 1:06:58 PMनई दिल्ली/पटना। बिहार के सभी 14 शेल्टर होम में बच्चों के शोषण, यौन दुर्व्यवहार, अप्राकृतिक यौनाचार जैसे मामलों की जांच आज सीबीआई को सौंपी जा सकती है। सीबीआई के वकील को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देनी है कि सीबीआई सभी मामलों की जांच करने को तैयार है या नहीं। दरअसल, मंगलवार को इन मामलों में ज़रूरी कार्रवाई नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है जो कि शर्मनाक है।
कोर्ट ने कहा था कि मुजफ्फरपुर जैसे कई मामले सामने आने की आशंका है इसलिए सीबीआई को सभी केस सौंपा जा सकता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को 24 घंटे में कार्रवाई रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने जांच एजेंसी के एडवोकेट से कहा था कि बुधवार तक पूछकर बताएं कि क्या सीबीआई सभी 14 शेल्टर होम की जांच को तैयार है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान बिहार के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुख्य सचिव को फटकार लगाते हुए कहा था कि आरोपियों के खिलाफ नरम रुख क्यों अख्तियार किया गया? कोर्ट ने पूछा कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और पॉस्को एक्ट को क्यों नहीं जोड़ा गया? कोर्ट ने इसके लिए भी बिहार सरकार को 24 घंटे का वक्त दिया था।
इससे पहले सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी. रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है, जांच में बाधा पहुंचा सकता है, उसे बिहार के बाहर की जेल में शिफ्ट करना सही रहेगा। सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को बिहार से पटियाला जेल शिफ्ट कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंजू वर्मा की गिरफ्तारी न होने पर बिहार के डीजीपी को तलब किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का ही असर था कि मंजू वर्मा ने आत्मसमर्पण कर दिया है।