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लाडली तीन वर्षों से मोतिहारी में, अभिभावक को हॉस्टल संचालक का नाम तक मालूम नहीं, इंटरमीडिएट छात्रा की लाश मिली
By Deshwani | Publish Date: 18/11/2018 11:41:08 PM
लाडली तीन वर्षों से मोतिहारी में, अभिभावक को हॉस्टल संचालक का नाम तक मालूम नहीं, इंटरमीडिएट छात्रा की लाश मिली

इंटरमीडिए की छात्रा छोटी कुमारी की लाश मोतिहारी के गर्ल्स हॉस्टल में मिली। फोटो- देशवाणी।

मोतिहारी। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।

अपनी लालडी बेटी या बहन को तीन वर्षों से मोतिहारी के चांदमारी स्थित एक महिला छात्रावास में पढ़ने के लिए रखा था। आश्चर्यजनक है कि अभिभावकों को हॉस्टल के मालिक या संचालिका का नाम तक नहीं मालूम। अभिभावकों को इतना भोला और नादान भी नहीं होना चाहिए। मेरी समझ से गैरजिम्मेवार।


सिर्फ इतना मालूम है कि उनकी लड़की या बहन के जान-पहचान के एक शिक्षक ने उक्त हॉंस्टल में रखवाया था। लिहाजा हॉस्टल कहां है। बस इतना पता है। पता इसलिए क्योंकि महीने में एक-दो बार उसके लिए उसकी जरूरत का सामान पहुंचाने अभिभावक को हॉस्टल आना पड़ता था। 

 

घर की महिला सदस्य ने जाकर हॉस्टल के अंदर का जायजा नहीं लिया। मालिक से नहीं कहा कि उनकी बेटी या बहन पर थोड़ा ध्यान रखिएगा। उसपर अभिभावक की तरह निगरानी रखिएगा। ऐसा करते तो शायद ऐसी दुखद खबर नहीं आती। कि आइए आपकी बेटी या बहन ने अात्महत्या कर ली। हालांकि परिजन ने पुलिस के समक्ष हत्या की आशंका जाहिर की है। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह अात्महत्या या हत्या। पोस्टमार्टम व पुलिस जांच के बाद ही असली बात सामने आ सकेगी।

 

 

पीपरा के चकनिया गांव की मूल निवासी थी-

 

रविवार को पीपरा थाना के चकनिया गांव निवासी आलोक कुमार तिवारी के पास फोन गया कि उनकी बहन छोटी कुमारी ने फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। भाई जब चांदमारी में मॉर्डन पब्लिक स्कूल के समीप स्थित उक्त हॉस्टल में पहुंचा तो उसकी बहन की लाश उसके बिछावन पर चादर से ढककर रखी मिली। बिछावन पर उसका मोबाइल भी पड़ा हुआ था। 

छोटी कुमारी इंटरमीडिए साइंस की छात्रा थी। वह पीपरा थाना के चकनिया गांव निवासी धर्मदेव तिवारी की तीन बेटों व तीन बेटियों में सबसे छोटी थी। वह पीपरा के आरपीबीडी कॉलेज की साइंस की छात्रा थी। 

 

 

शिक्षक के कहने पर रखा था हॉस्टल में-

 

विगत तीन वर्षो से चांदमारी स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल के बगल स्थित एक हॉस्टल में रहकर इंटरमीडिएट मैथ की पढ़ाई कर रही थी। छोटी कुमारी के भाई आलाेक कुमार ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षक रघुनाथपुर पीपल चौक के सागर सिंह के कहने पर उक्त हॉस्टल में अपनी बहन को रखा था। तीन वर्षों से छोटी के अभिभावक हॉस्टल के बाहर गेट पर किसी केयर टेकर द्वारा उसके लिए आवश्यक सामान भेजवाना पड़ता था।

 

पुरुष अभिभावकों को अंदर जाने की मनाही थी। फिर भी किसी महिला अभिभावक को अंदर भेजकर जायजा करने को नहीं कहा। यह पता करने कि उसका रूम कैसा है। वह कैसे रहती है।

 

भाई आलोक कुमार ने इंस्पेक्टर आनंद कुमार को बताया कि  शिक्षक सागर सिंह से उसकी बहन छोटी कुमारी की जान पहचान ट्यूशन पढ़ने के क्रम में हुई थी।

 

 

भाई ने कहा-छोटी का मोबाइल उठाने पर शिक्षक ने छीन लिया-

 

भाई आलोक को जब खबर मिली कि उसकी बहन अब नहीं रही तो उसके पैर जमीन से खिसक गयें। आनन-फानन में आलोक कुमार हॉस्टल पहंचा। रूम बाहर से बंद किया गया था। देखने से नहीं लगा कि दरवाजे को तोड़ा गया है। दरवाजे को खोला गया। 

आलोक ने नगर इंस्पेक्टर आनंद कुमार को बताया कि जब वह अपनी बहन की लाश को देखा तो बॉडी के बगल में उसका मोबाइल पड़ा हुआ था। किताबें भी उसी बिछावन पर पड़ी थीं। रूम में सिलिंग फैन दिखा। लेकिन फैन को देखने से ऐसा नहीं लगा कि उसपर लटकर आत्महत्या की गई होगी। क्योंकि पंखा का डैना टेढ़ा नहीं था।  

 

जब वह मोबाइल उठाने लगा तो शिक्षक सागर ने वह मोबाइल छीन लिया। बताया कि इसमें सिम नहीं है। फिर आलोक ने पूछा कि फिर भी वह मोबाइल उसे दे दीजिए। जबरदस्ती करने पर उसे मोबाइल मिला। उसे बताया गया कि इसका सिम टूटा हुआ था।

 

 

आलोक के पहुंचने से पहले वाहन तैयार रखा गया था-

 

आलोक ने पुलिस को बताया कि जब वह हॉस्टल पहुंचा तो हॉस्टल की महिला और शिक्षक ने कहा कि अपनी बहन की लाश अपने गांव ले जाइए। आलोक कुमार को कुछ नहीं सूझा। वह घबराया हुआ था। उसके साथ उसके एक अन्य व्यक्ति भी वहां गया था। वह अपनी बहन की लाश को लेकर अपने गांव चकनिया चला गया। जब गांव पहुंचा तो लोगों ने समझाया कि इसे गांव क्यों ले आए। इसे मोतिहारी सदर अस्पताल ले जाइए और पुलिस को इसकी सूचना दीजिए।

नगर इंस्पेक्टर कर रहे मामले की गहन जांच-

नगर इंस्पेक्टर आनंद कुमार देर रात तक मामले की जांच में लगे हुए हैं। उन्होंने शिक्षक सागर कुमार को फोन कर चांदमारी चौक पर आने को कहा। कहां कि छोटी के रूम की जांच करनी है। छोटी के परिजन भी साथ आ रहे हैं। उन्होंने शिक्षक सागर को फोन पर कहा कि घबराने की बात नहीं है। आप जांच में पुलिस की मदद करें। सच्चाई सामने आ जाएगी। खबर लिखे जाने तक नगर इंस्पेक्टर रात ही मेडिकल टीम बनवाकर पोस्टमॉर्टम करवाने के प्रयास में लगे दिखे।

 
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