रक्सौल में दो ट्रेवल एजेंसियों में रेल पदाधिकारियों की रेड में दो गिरफ्तार, भारी संख्या में ई-टिकट, लैपटॉप व नकद बरामद
रक्सौल। अनिल कुमार। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
समस्तीपुर आरपीएफ कमांडेन्ट अंशुमान त्रिपाठी के निर्देश पर आरपीएफ रक्सौल व अपराध सूचना शाखा रक्सौल द्वारा शनिवार संयुक्त रूप से ई टिकट के अवैध कारोबारियों के खिलाफ एक बड़ अभियान चलाया गया।
इस दौरान शहर के दो जगहोंे पर को ई टिकट केंद्रों पर छापेमारी कर दो लोगो को गिरफ्तार किया गया। इनमें साई टूर एंड ट्रेवल्स के संचालक नागा रोड निवासी मनोज कुमार व आराध्या कम्यूनिकेशन डंकन रोड के संचालक टुमरिया टोला वार्ड नंबर तीन निवासी राजू कुमार शामिल हैं। दोनों जगहों से रेड कर पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में ई-टिकट, लैपटॉप, एटीएम, चेकबुक व नकद बरामद किए हैं। पदाधिकारिगण दोनों कारोबारियों से गहन पूछताछ कर रहे हैं। इसमे संलिप्त अन्य लोगों का भी पता किया जा रहा है।
आरपीएफ इंस्पेक्टर राजकुमार व सीआईबी इंस्पेक्टर वेंकटेश कुमार ने बताया कि
आराध्या कम्यूनिकेशन से-
तत्काल ई टिकट-01 मूल्य-580₹
पुराना ई टिकट- 06 मूल्य-6385₹ ,
लैपटॉप- 01
वाई फाई- 01
कीबोर्ड माउस -01
प्रिंटर-01
स्मार्टफोन-01
पासबुक-03
ATM- 01
चेकबुक- 01
पेन ड्राइव-01
टिकट विवरण डायरी-02 व
साईं टूर एंड ट्रेवल्स, सायबर एंड जेनरल स्टोर से-
तत्काल ई टिकट- 06 मूल्य- 8610₹
आगामी ई टिकट- 08 मूल्य- 10660₹
रद्द ई टिकट- 04 मूल्य-10340₹
अबतक बुक ई टिकट- मूल्य-कुल मूल्य- 29610 ₹
लैपटॉप- 02
वाई फाई-01
स्मार्टफोन-01
पासबुक- 03
चेकबुक- 05
ATM- 01
हार्ड डिस्क-01
टिकट विवरण रजिस्टर-03
पेन ड्राइव-06
नकद- 3020 नेपाली रुपया व 1250 ₹। जब्त किए गये हैं।
अधिकारी द्वय ने बताया किगिरफ्तार पहले अभियुक्त के पास रेल के ई टिकट बुक करने का कोई प्राधिकार नहीं था। गिरफ्तार दूसरा दुकानदार IRCTC अधिकृत एजेंट होने के वावजूद 40 से ज्यादा व्यक्तिगत यूजर ID से रेलवे के ई टिकटों की अवैध कालाबाजारी करता था। इन लोगों द्वारा नेट को बेहतर गति प्रदान करने के लिए रेड मिर्ची नामक साफ्टवेयर का उपयोग किया जाता था। दो दिनोें से गठित टीम द्वारा ऐसे साईवर कैफे पर नजर रखी जा रही थी। शहर मेे कुल 36 आईआरसीटीसी के एजेंट काम करते हैे। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले मे संलिप्त अन्य लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। आईआरसीटीसी के द्वारा अन्य लोगों का आईडी का उपयोग कर ई टिकट निकालकर टिकट को ऊंची कीमत पर कालाबाजारी करते थे। इस मामले में कांड संख्या 272/18 के तहत 143 रेल अधिनियम दर्ज किया गया है।