बिहार
मुख्यमंत्री नीतीश ने किया ऊर्जा विभाग की 7522.38 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास, जल्द ही बदले जाएंगे बिजली के सभी जर्जर तार
By Deshwani | Publish Date: 11/8/2018 10:40:10 AMपटना। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विद्युत भवन परिसर में 7522.38 करोड़ रुपए की योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इसी परिसर में फिर तीन माह के बाद हमलोग ऊर्जा विभाग के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित हुए हैं। ऊर्जा विभाग अपने कामों को जितनी तेजी से कर रहा है, उससे हम सबको काफी प्रसन्नता हो रही है। राज्य के अधिक से अधिक लोग बिजली के क्षेत्र में किए गए कार्य से संतुष्ट हैं। 6 वर्ष पूर्व 15 अगस्त 2012 को मैंने ऐतिहासिक गाॅधी मैदान में झंडोतोलन के बाद अपने भाषण के दौरान कहा था कि अगर बिजली की स्थिति में सुधार नहीं कर पाए तो 2015 के चुनाव में वोट नहीं मांगेंगे। इन छह वर्षों में बिजली के क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है। हर गांव एवं हर टोले तक बिजली पहुंच गई है। जैसा कि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि 38 जिलों में से 17 जिलों में हर इच्छित व्यक्ति के घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। इन 17 जिलों में से 10 जिले उत्तर बिहार के हैं और 7 जिले दक्षिण बिहार के हैं। सात निश्चय में से एक निश्चय हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है, जो कि इस वर्ष के अंत तक पूर्ण होना है, इस संबंध में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने भी आश्वस्त किया है।
साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में मार्च 2019 तक कृषि के लिए 1312 अलग फीडर का निर्माण हो जाएगा और इससे बिजली मिलने लगेगी। इस साल अक्तूबर तक सभी घरों में बिजली पहुंच जायेगी। साथ ही राज्य में बिजली के सभी जर्जर तार बदले जायेंगे। सीएम ने ऊर्जा विभाग की 7522.38 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण करने के बाद कहा कि उन्होंने 109 बिजली सब स्टेशन, महिला कॉमन रूम और कॉन्फ्रेंस रूम का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कृषि कार्य के लिए 96 पैसे प्रति यूनिट की जगह 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। सिंचाई के लिए गांव में लगे सरकारी ट्यूबवेल को बिजली कॉमर्शियल दर पर मिलती थी। अब वहां भी 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही बिजली मिलेगी। इसके साथ ही ट्यूबवेल चलाने और उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी गांव के लोगों को दी जायेगी।
उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि योजना मद से 250 करोड़ रुपये जारी करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। अब इसके लिए 3000 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई है। अप्रैल में कांट्रैक्ट भी हो गया है। इसे तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने यह काम दो साल में पूरा करने का निर्देश दिया।