बिहार
बैठक थी सूखाग्रस्त घोषित करने की, बारिश और बाढ़ ने बढ़ाई मुसीबत
By Deshwani | Publish Date: 1/8/2018 11:05:22 AMपटना। एक कहावत है कि ‘आए थे हरि भजन को ओढ़न लगे कपास वाली बात यहां चरितार्थ हुआ है। इसी कड़ी में आज नीतीश सरकार ने राज्य को सूखाग्रस्त करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। लेकिन तमाम जिलों के जिलाधिकारियों से बात हुई तो पता चला कि अब सूखे का नहीं बल्कि बाढ़ से निपटने की तैयारी करनी पडेगी। जबकि अभी हाल ही में राज्य में सूखे के आसार थे। किसान और सरकार दोनों की नजरें आसमान की तरफ थीं। साथ ही 26 जुलाई तक बिहार में सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई थी। उसी दिन बिहार विधानसभा में बिहार में सूखे की आशंका को लेकर दो घंटे तक गंभीर बहस हुई। विपक्ष ने कहा कि सरकार ने सूखे से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है।
सरकार ने कहा कि हम स्थिति से निपटे के लिए तैयार हैं। आरजेडी ने उसी दिन बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर सदन का बहिष्कार तक कर दिया। लेकिन सरकार ने कहा कि अगर 31 जुलाई तक बारिश ढंग से नहीं हुई तो पूरे बिहार को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जायेगा। बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने के सरकार की तमाम तैयारियां और विपक्ष को उसमें खोट निकालने के मंसूबे पर उस समय पानी फिर गया जब चंद्रग्रहण की रात के बाद से बिहार में लगातार बारिश होने लगी। बारिश इतनी हुई कि पटना डूबने लगा। एनएमसीएच के आईसीयू में पानी घुस गया. बाकी जिलों में भी अच्छी बारिश हुई।
फिलहाल राज्य में न तो सूखा है और ना ही बाढ। सरकार राज्य को अभी सूखाग्रस्त नहीं घोषित करेगी। सरकार ने राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिये 12 अगस्त तक का वक्त ले लिया है। इससे पहले बिहार सरकार ने राज्य को सूखाग्रस्त धोषित करने के लिये 31जुलाई तक का वक्त लिया था। मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षात्मक बैठक में राज्य में बाढ़ और सूखा दोनों के हालात की समीक्षा की गई।