बिहार
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो मुजफ्फरपुर यौन शोषण मामले की जांच: कांग्रेस
By Deshwani | Publish Date: 28/7/2018 7:33:07 PMपटना। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर राज्य के मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह में बालिकाओं के यौन शोषण के आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच करवाने तथा आरोपों के घेरे में आए अन्य सभी बाल गृहों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने की मांग की।
प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार ने पहले इस मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन जब मामला बिहार से लेकर संसद तक गूंजा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दबाव में आए और उन्होंने मुजफ्फरपुर मामले में प्राथमिकी दर्ज कर इसकी जांच का कार्य सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी राज्य की समाज कल्याण मंत्री का पति है और नीतीश सरकार उसे बचाने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह को सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है और वहां बच्चियों के साथ बलात्कार की शिकायत के बाद जब मेडिकल जांच करवाई गई तो 42 में से 29 बच्चियों के साथ बलात्कार होने की पुष्टि हुई है। बलात्कार की शिकार हुई ज्यादातर बच्चियों की उम्र सात से 14 साल है। जांच से पता चला की इस गृह की कम से कम तीन बच्चियों का गर्भपात करवाया गया और तीन अन्य गर्भवती हैं।
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार ने दबाव में सिर्फ मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह मामले में जांच करवाने के आदेश दिए तथा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है जबकि अल्पावासों की ऑडिट रिपोर्ट में 110 में से 15 गृहों में बालिकाओं के साथ यौन शोषण की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि यौन आरोप मामले में अन्य 14 गृहों के खिलाफ भी मामले दर्ज होने चाहिए।