पटना। कर्नाटक में सरकार बनाने के मुद्दे पर जारी रस्साकशी के बीच राष्ट्रीय जनता दल नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राजद, कांग्रेस, हम और माले विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आज राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उनके पास 111 विधयाकों का समर्थन पत्र है और अगर हमलोगों को सरकार बनाने का मौका मिलता है कि हमलोग आसानी से बहुमत साबित कर देंगे। मैंने राज्यपाल को इन सभी विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया है और सरकार बनाने के लिए मौका देने का आग्रह किया है।
तेजस्वी ने कहा कि हमारे साथ राजद, कांग्रेस, हम, माले के विधायक तो हैं ही, जदयू के भी कई विधायक संपर्क में हैं। पहले भी शरद यादव, उदय नारायण चौधरी जैसे कई नेता नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली से नाराज होकर जदयू छोड़ चुके हैं। वर्तमान में जदयू नेताओं में असुरक्षा की भावना आ गई है। वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन फ्लोर में हमारा साथ देंगे।
राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कर्नाटक के राज्यपाल पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा त्रिशंकु विधानसभा होने पर सबसे पहले चुनाव पूर्व गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बुलाना चाहिए। अगर उसके पास बहुमत नहीं है तो चुनाव बाद बनने वाले गठबंधन को बुलाया जाना चाहिए। अगर दोनों के पास बहुमत नहीं है तो सबसे बड़ी पार्टी को मौका देना चाहिए। किंतु कर्नाटक में यह नहीं हुआ।
राजद नेताओं ने कहा कि गोवा, मणिपुर और मेघालय में सबसे बड़े दल नहीं होने के बावजूद चुनाव बाद गठबंधन के आधार पर भाजपा ने सरकार बनाई तो बिहार में क्यों नहीं। बिहार में सबसे बड़े दल को आमंत्रित न कर उस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया, जिसके एक घटक को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला था।
तेजस्वी यादव ने राज्यपाल को धन्यवाद दिया और उन्होंने बातों को गंभीरता से सुनकर विचार करने का आश्वासन दिया है। नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने आज बिहार में डबल इंजन की सरकार विशेष राज्य के दर्जे पर चुप हैं।