बिहार
पति का शव घर ले जाने के लिए महिला को मांगनी पड़ी भीख
By Deshwani | Publish Date: 9/5/2018 11:58:17 AMपटना। यह कैसी मानवता जहां एक अबला नारी को अपने पति के शव को ले जाने के लिए भीख मांगने को मजबूर होना पड़ा। यह एक कहावत और कहनी नहीं बल्कि हकीकत है। कल पटना मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में दूर-दराज गांव से पति का इलाज कराने आई एक महिला की है। ईलाज के दौरान पति की मौत हो जाने के बाद शव ले जाने के लिए न तो अस्पताल से एंबुलेस मिली न ही उसके पास इतने पैसे थे कि वह अपने पति के शव को किसी प्राइवेट गाड़ी से ले जाती। अंत एक कहावत है कि ‘डूबते को चिनके का सहारा’वो रोती-बिलखती आंचल फैलाकर अजनबियों से भीख मांग रही थी। भीख जिसके पैसे से पति की लाश को एंबुलेंस में लादकर वह घर लौटती। महिला दुहाई दे रही थी मानवता की, जिसका माखौल कल दोपहर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में उड़ रहा था। पति के शव को ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से न स्ट्रेचर मिला न एंबुलेंस।
चार घंटे की मशक्कत के बाद पत्नी ने एक हजार रुपये जमा किए जिसके बाद पति को निजी एंबुलेंस के सहारे घर ले जाया गया। ये सबकुछ अस्पताल प्रशासन की नाक के नीचे होता रहा। गार्ड तक ने चंदा दिया मगर अस्पताल के अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली।
पीएमसीएच के दामन पर ये एक और दाग है। पटना जिले की संपतचक निवासी सुशीला देवी ने मंगलवार को अपने पति बहादुर केवट को इलाज के लिए पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था। वह दिव्यांग था और गंभीर रूप से बीमार था। महिला का कहना है कि इलाज के दौरान पति की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई।
गांव से आई गरीब महिला अस्पताल में एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर तक इलाज के लिए दौड़ती रही लेकिन डॉक्टरों ने एक न सुनी। इसी बीच बहादुर केवट की मौत हो गई। पति की मौत के बाद शव को घर ले जाने के लिए सुशीला के पास पैसे नहीं थे। उसने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस के लिए गुहार लगाई मगर यहां भी काम नहीं बना।
वह कंट्रोल रूम में बार-बार जाकर एंबुलेंस देने की मांग करती रही लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। अंत में अस्पतालकर्मियों ने शव को अस्पताल से बाहर लाकर जमीन पर रख दिया। वह पति के पास बैठकर मदद की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने मदद नहीं की। निजी एंबुलेंस वाले शव ले जाने के लिए एक हजार रुपए मांग रहे थे। इस बीच कुछ लोगों ने सुशीला को भीख मांगने की सलाह दी।