पटना। पटना में बिजली विभाग के एक कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अब लालटेन और ढिबरी के दिन लद गए। राज्य के सभी गांव तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया और अब इस साल के अंत तक सभी घरों तक बिजली कनेक्शन पहुंचा दिया जाएगा। राज्य के लिए इससे भी बड़ी सम्मान की बात यह है कि बिजली के इस बिहार मॉडल को केंद्र सरकार ने अंगीकार कर लागू कर दिया है।
कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा कि सात निश्चय के अंतर्गत एक निश्चय किया था कि हर इच्छुक परिवार के घर तक बिजली पहुंचानी है। हर घर तक बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए विद्युत विभाग ने अन्य विभागों की मदद से ऐसे घरों का आंकड़ा उपलब्ध कराया और उस पर तेजी से काम किया गया। जब हम यात्रा पर निकले तो लोगों से उसके बारे में जानकारी ली और साथ में रहे हमारे अधिकारियों ने इस काम में आ रही दिक्कतों का तुरंत समाधान किया गया।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और इस विभाग के मंत्री ने यह संकल्प लिया है कि दिसंबर 2018 तक हर घर तक बिजली पहुंचा दी जाएगी, इससे हम एक और निश्चय प्राप्त कर सकेंगे। अभी तक बचे 26 लाख घरों में से 8 लाख से ज्यादा घरों में बिजली पहुंच गई है। जून 2018 तक 14 लाख घरों तक बिजली पहुंच जाएगी, जैसा कि इन लोगों ने बताया है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में बिजली मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार के इस मॉडल की प्रशंसा की गई और भारत सरकार ने पूरे देश में इसे सौभाग्य योजना के नाम से लागू किया। उन्होंने कहा कि सात निश्चय में से एक निश्चय राज्य के सभी घरों में बिजली देना शामिल है।
नीतीश ने कहा कि बिजली की उपलब्धता बढ़ी है। हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है, चाहे जेनेरेशन हो, ट्रांसमिशन हो, सब ट्रांसमिशन हो या फिर डिस्ट्रीब्यूशन हो। अभी 4,600 मेगावाट तक की बिजली की आपूर्ति की जा रही है। बिजली संचरण की क्षमता 9,000 मेगावाट से ज्यादा हो गई है। वर्ष 2005 में 45 ग्रिड सब स्टेशन था, अब यह 134 हो गया है और निकट में इसकी संख्या 162 हो जाएगी। 12 वर्षों में 487 नए पॉवर सब स्टेशन का निर्माण हुआ है। अब राज्य में कुल पॉवर सब स्टेशनों की संख्या 755 हो गई है। इससे बिजली की क्वालिटी में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के साथ समझौते के तहत कांटी एवं बरौनी में भी बिजली उत्पादन शुरू किया जा रहा है। 250 मेगावाट की दो-दो इकाइयों की शुरुआत की जाएगी। नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन इकाई शुरू की जा रही है। वहां 800 मेगावाट की तीन और इकाई लगेगी।
नीतीश ने कहा कि जब हम केंद्र में मंत्री थे तो बाढ़ में एनटीपीसी के सहयोग से 660 मेगावाट की तीन इकाई और 660 मेगावाट की दो इकाई शुरू की गई। बिहार में पावर जेनेरेशन काफी हो रहा है और होने वाला है। निजी क्षेत्र में भी बिजली उपलब्ध है। बिजली की आपूर्ति करने में अब कोई दिक्कत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली दर को ठीक करने के लिए सरकार ने बिजली नियामक आयोग के समक्ष जीरो सब्सिडी का प्रस्ताव रखा और जब रेट तय हुआ तब राज्य सरकार ने अपने खजाने से पिछले वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को 3,000 करोड़ की सब्सिडी दी थी और इस वर्ष 4,125 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बिहार के लिए गौरव का क्षण है, विद्युत के क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की गई है। हमारी योजना को केंद्र सरकार ने लागू किया है, इससे खुशी की बात और क्या होगी। बिजली की जिन योजनाओं में केन्द्र सहायता दे रही है, उससे जो बचत होगा, उसका उपयोग ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के नेटवर्क में किया जाएगा. लोगों से अपील करता हूं कि जरूरत भर ही बिजली की खपत कीजिए।