पटना। पार्टी से नाराज चल रहे भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया है। यशवंत सिन्हा काफी लंबे समय से केंद की मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल बजाए हुए थे। यशवंत सिन्हा मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करने को कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं चुनावी राजनीति से भी संन्यास ले रहा हूं। उन्होंने कहा कि भाजपा से सारे रिश्ते तोड़ रहा हूं।
यशवंत सिन्हा ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि मैं भाजपा की किसी भी तरह की राजनीति से संन्यास लेते हैं और पार्टी के साथ अपने सारे संबंधों को खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश को मौजूदा हालत में पहुंचाने वाले लोगों को वह बर्बाद कर देंगे। उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों को लगता है कि 2014 में चुनावी राजनीति छोड़ने के बाद मेरी चिंताएं खत्म हो गई थीं, लेकिन मैं बता दूं कि मेरा दिल आज भी देश के लिए धड़कता है। मैं तब तक शांत नहीं बैठूंगा जब तक देश में मुश्किलें हैं।
उन्होंने कहा कि आज देश में लोकतंत्र खतरे में है। 'यह सरकार की साजिश थी कि इस साल बजट सत्र ठीक से संचालित नहीं होने दें। प्रधानमंत्री ने सदन को ढंग से चलाने के लिए विपक्षी सांसदों से बातचीत क्यों नहीं की। सरकार सदन के न चलने से खुश थी, क्योंकि रोज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा था। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी कहा था कि सदन में शोरगुल होने की वजह से वह ढंग से 50 सांसदों की गिनती नहीं कर सकीं। उन्होंने लोकतंत्र का मजाक बना दिया।
पटना में राष्ट्र मंच के कार्यक्रम में भाजपा के बगावती नेता शत्रुघ्न सिन्हा, कांग्रेसी नेता रेणुका चौधरी, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, आशुतोष, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी के घनश्याम तिवारी, राष्ट्रीय जनता दल के रामचंद्र समेत कई लोग मौजूद रहे।