बिहार
भक्तों के संकटों का निवारण करते हैं हनुमान - सुशील
By Deshwani | Publish Date: 31/3/2018 8:03:40 PM
मोतिहारी। चैत्र शुक्लपक्ष पूर्णिमा, मंगलवार को मकर लग्न, तुला राशि एवं चित्रा नक्षत्र में अर्द्धरात्रि के समय भगवान शिव ने अपने अंश ग्यारहवें रुद्र से माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी के रूप में अवतार लिया। ब्रम्हाण्ड पुराण के अनुसार हनुमान जी के और पाँच भाई मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान एवं धृतिमान आदि थे। इन सभी में हनुमान ज्येष्ठ हैं। ये सभी भाई विवाहित हैं। परन्तु हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी रहें। चैत्र शुक्लपक्ष पूर्णिमा हनुमान जयंती के रूप में मनायी जाती है। उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी। आगे उन्होंने कहा कि हनुमान जयंती के दिन भक्तों को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी के नामों का संकीर्तन करना चाहिए। तदुपरान्त हनुमान जी के चरित्र से संबंधित कथाओं का श्रवण, नाम जप अथवा रामचरित मानस के सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए। उन्होंने कहा- भक्तों के संकटों का निवारण करते हैं हनुमन।