मोतिहारी। शहर के हनुमान गढ़ी निवासी मो नौशाद हुसैन को सोमवार को कर्ज की रकम चुकानी थी। रुपयो की व्यवस्था नहीं हो सकी। तो रविवार की रात रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। रात को घर नहीं लौटा। परिजन परेशान थे। घरवालों की घबराहट और भी बढ़ गयी जब सोमवार को नाशाद हुसैन की मीनाबाजार नगरपालिका स्थित जूते की दुकान पर एक परचा चश्पा पाया। परचे पर लिख हुआ है- नौशाद का अपहरण कर लिया गया है। खैरियत चाहते है तो 5 लाख रुपये घोड़ासहन पहुंचा दो। नहीं तो अंजाम भुगतने को तैयार रहो।
-अपहरण की सूचना पर पुलिस हरकत में आई
नौशाद के अपहरण की खबर पर जिले की पुलिस हरकत में आई। नगर पुलिस और छतौनी पुलिस ने दुकान की जांच की। एसपी उपेन्द्र शर्मा और डीएसपी पंकज रावत ने खुद नौशाद के बड़े भाई लाल बाबू उफ अहमद हुसैन से बातचीत की। सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया। तब पूरी हकीकत सामने आ गयी। पुलिस का कहना है कि जब सीसीटीवी फुटेज में इस बात का खुलासा हुआ कि नौशान ने खुद ही अपने अपहरण की कहानी गढ़ डाली। सीसीटीवी में देखा गया कि नौशाद रात करीब 9 बजे अपनी दुकान बंद कर रहा है। उसके बाद खुद परचा चश्पा किया। मोबाइल से बात करते हुए वह टेम्पो पकड़ा और मोतिहारी बापूधाम स्टेशन पहुंचा।
पुलिस ने मोबाइल टावर की जांच भी की
मोतिहारी बापूधाम स्टेशन के बाद उसका लोकेशन जीवधारा स्टेशन तक रहा। उसके बाद उसके मोबाइल का लोकेशन पुन: मोतिहारी की तरफ आने लगा। देर रात उसका लोकेशन यूपी के कुशीनगर तक गया। परिजन से बात करने पर पता चला कि उसकी बहन की ससुराल कुशीनगर है। पुलिस का कहना है कि वह मोतिहारी से जीवधारा गया आैर वहां पर उतर कर नरकटियागंज जा रही ट्रेन पर सवार हो गया।
- 8 लाख के कर्ज से दबा था नौशाद
पुलिस का कहना है कि जांच से पता चला है कि उसने कई लोगों से सूद पर रुपये लिए थे। वह रकम बढ़ कर 8 लाख तक पहुंच गयी थी। सोमवार को रुपये लौटाने थे। रुपयों का इंतजाम नहीं हो सका। एसपी उपेन्द्र शर्मा का कहना है कि कर्ज से दबे होने के कारण ही नौशाद ने अपहरण की कहानी रची है।
अपने ही हाथों से लिखा फिरौती का पर्चा
पुलिस ने नौशाद के जूते की दुकान की गहन जांच की। पुलिस का कहना है कि उसके दुकान से एक डायरी मिली है। डायरी का एक पन्ना फटा हुआ है। जिस पन्ने को फाड़ा गया है उसके नीचे वाले पेज पर फिरौती वाली लिखावट का दाग यानी कलम की लिखावट का निशान स्पष्ट रूप से दिख रहा है।