बिहार
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की नियोजित शिक्षकों को मानदेय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी पर नाराजगी जताई, सुनवाई 27 को
By Deshwani | Publish Date: 15/3/2018 2:27:58 PMपटना। नियोजित शिक्षकों के समान कार्य के बदले समान वेतन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से नियोजित शिक्षकों को मानदेय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि छात्रों का भविष्य बनानेवाले शिक्षकों का वेतन चपरासी के वेतन से भी कम क्यों है। वहीं, अदालत ने बिहार सरकार को राहत देते हुए 27 मार्च तक दोनों पक्षों को आपस में सहमति बनाने का मौका दिया है। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 मार्च तय कर दी।
बिहार सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के बदले समान वेतन व अन्य लाभ देने पर 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आयेगा। साथ ही इतनी बड़ी रकम का प्रबंध करने में असमर्थता जतायी। सरकार ने बताया कि नियोजित शिक्षकों को मानेदय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी किये जाने से ही करीब 2088 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकार पर आयेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के समान कार्य के बदले समान वेतन मामले पर 29 जनवरी को पहली सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा था कि नियोजित शिक्षकों के वेतन में पे-मेट्रिक्स लागू कर मानदेय में 20 फीसदी की वृद्धि की जायेगी। लेकिन, इसके लिए शिक्षकों को एक परीक्षा पास करनी होगी। यह परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जायेगी। साथ ही बिहार सरकार ने शर्त रखी कि यदि शिक्षक परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें लाभ से वंचित कर दिया जायेगा।